प्रयागराज (ब्‍यूरो)। केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री को लिखे गए पत्र में औद्योगिक विकास मंत्री ने कहा है कि बीपीसीएस को 295 एकड़ भूमि उत्तर प्रदेष सरकार द्वारा नि:शुल्क उपलब्ध करायी गई है। किन्तु कम्पनी के नाम लीज डीड सम्पादित नहीं की की गई है। बिल्डिंग एवं प्लांट के स्थायी निर्माण के साथ, प्रश्नगत भूमि उत्तर प्रदेश सरकार को वापस किए जाने के निर्णय के साथ बीपीसीएल से यह अपेक्षा की गई है कि वह उक्त कम्पनी के प्लांट, मशीनरी व चल सम्पत्ति को डीपीई, सरकार की गाइड लाइंस के अनुसार एमएसटीसी लिमिटेड के माध्यम से ई ओक्सन के द्वारा निस्तारित करते हुए प्राप्त धनराषि से भारत सरकार के ऋण की यथा सम्भव अदायगी करें।
तीन कंपनियों ने दिखायी रुचि
बीपीसीएल कम्पनी की चल-अचल सम्पत्ति एवं टेक्नोलॉजी को एक साथ खरीदने में तीन प्राइवेट कम्पनियों द्वारा रूचि दिखाई गई है। पत्र में यह भी लिखा है कि मात्र प्लांट, मशीनरी एवं चल सम्पत्ति को नीलाम करने से न तो उसका उचित मूल्य प्राप्त हो सकेगा और न ही यूनिट स्थायी रूप से बंद हो जाने से रोजगार के अवसर सृजित हो पाएंगे। कुछ निजी निवेषक बीपीसीएल नैनी को संचालित करने में इच्छुक हैं, अत: यदि इसे चल अचल सम्पत्ति सहित निजी निवेषकों के माध्यम से संचालित कराए जाए तो न केवल भारत सरकार को बेहतर मूल्य प्राप्त होगा सकेगा, अपितु इस इकाई के पुन: संचालित होने से रोजगार सृजन भी होगा।