सूफी बुजुर्ग आमा साहब के 29वें उर्स पर सजी महफिल

बयान और नात के जरिए पेश की गई खिराजे अकीदत

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PRAYAGRAJ: हाफिज मो.तकी आमा आजी उर्फ आमा साहब के 29वें सालाना उर्स पूरी अकीदत के साथ मनाया गया। करेली गौसनगर में आयोजित कार्यक्रम में जुटे लोगों ने बुजुर्ग आमा साहब की शख्सियत पर रोशनी डाली। इस मौके पर आरिफ जलालपुरी ने कहा कि आमा साहब दीन के साथ दुनियावी मामलों में भी महारत रखते थे। सभी धर्मो के अनुयाई उनका बराबर आदर करते थे। इस मौके पर सजी नतिया मुशायरे की महफिल में शायरों ने नात, हम्द और मनकबत का नजराना पेश किया।

अदम से लाई हैं हस्तिए रसूल

उर्स के दौरान युवा शायर मुम्ताज इलाहाबादी ने पढा अदम से लाई है हस्तिए रसूल, कहां कहां लिए फिरती है जुस्तुए रसूल। उबैद अहमद नूरी ने सुनाया चमक तुझ से पाते हैं सब पाने वाले, मेरा दिल भी चमका दे चमकाने वाले, वहीं हाफिज शहाब ने कहा आरजू मदीने की मेरा दिल लुभाती है, क्या करें गरीबी में बेबसी रूलाती है। इस दौरान दूसरे शायरों ने भी अपनी नज्में और कलाम पेश किए। कार्यक्रम में मुख्य रूप से अफरोज आलम, फरोग अहमद, रियाज अहमद, साबिर फरीदी, राजू बेग, मुन्ना मालवीय कंचन मालवीय, नीरज मिश्र, कुहू मालवीय आदि मौजूद रहे।