प्रयागराज (ब्यूरो)। अपर जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी अमित मालवीय ने कोर्ट को बताया गया कि घटना 17 दिसंबर 2017 की है। वादी रिजवान अहमद निवासी सेमरी लवायन थाना कौंधियारा द्वारा पुलिस को तहरीर दी गई थी। जिसमें वह बताया था कि उक्त तारीख पर सुबह सात बजे वह कमाने बेटे के साथ गया था। तीन दिन पूर्व बहू यानी आफरीन बानों व उसकी पत्नी से विवाद हुआ था। आरोप लगाया कि बहू ने उसकी पत्नी को पीछे से केरोसिन डालकर आग लगा दी थी। जिससे जलने से उसकी हालत गंभीर हो गई थी। इलाज के दौरान हॉस्पिटल में वह दम तोड़ दी थी। मृत्यु पूर्व मजिस्ट्रेट द्वारा लिए गए बयान में मृतका ने भी घटना के बारे में बताया था। पुलिस जांच और अन्य साक्ष्यों से आरोपित महिला पर हत्या का आरोप साबित पाया गया। उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर न्यायाधीश द्वारा अभियुक्ता आफरीन बानों आजीवन कारावास से दंडित किया गया। साथ ही दस हजार रुपये के अर्थ दण्ड से भी दंडित किया गया। अर्थ दण्ड नहीं देने पर एक महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
विजमा यादव केस पर फैसला 23 को
आज से करीब 22 साल पूर्व सरायइनायत थाना क्षेत्र के सहसों चौकी क्षेत्र में 21 सितंबर 2000 को श्याम बाबू के सात वर्षीय बेटे आनन्द जी उर्फ छोटू की एक्सीडेंट में मौत हो गई थी। इस घटना के बाद जमकर बवाल हुआ था। पुलिस टीम से लेकर थाने तक पर पथराव आदि किए गए थे। इस बवाल के मामले में विजमा यादव आरोपित हैं। इतना ही नहीं बवालियों के द्वारा पुलिस की गाडिय़ों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। प्रकरण में विजमा यादव समेत कुल 15 लोग नामजद किए गए थे। एमपी एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश दिनेश चंद्र शुक्ला की अदालत में केस चल रहा है। कोर्ट द्वारा मामले में अंतिम फैसला सुनाने के लिए 23 फरवरी की डेट मुकर्रर की गई है।
एमपी एमएलए कोर्ट के द्वारा विजमा यादव प्रकरण में फैसला के लिए 23 तारीख की डेट मुकर्रर की गई है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश के द्वारा हत्या की आरोपित महिला को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।
गुलाबचंद्र अग्रहरि, जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी