बहुचर्चित रचना शुक्ला मर्डर केस में सामने आया था आरोपित साजिद का नाम

अर्जी पर सुनवाई के दौरान जिला जज ने जमानत का आधार पाया अपर्याप्त

PRAYAGRAJ: बहुचर्चित रचना शुक्ला मर्डर केस के साजिशकर्ता साजिद अली की उम्मीद पर शुक्रवार को पानी फिर गया। सुनवाई के बाद जिला जज अमरजीत त्रिपाठी ने उसकी जमानत अर्जी खारिज कर दी। मामले में तीन आरोपितों की जमानत कोर्ट द्वारा पहले ही खारिज की जा चुकी है। प्रकरण की विवेचना मौजूदा समय में सिविल लाइंस थाना प्रभारी के पास है। करीब चार साल पूर्व इस घटना का जिक्र आते ही लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं। रचना शुक्ला की हत्या के बाद बॉडी को प्रतापगढ़ के होलागढ़ इलाके में जला दी गई थी। ऐसा करने के पीछे आरोपितों का मकसद कत्ल जैसे गुनाह पर पर्दा डालने का था।

प्रतापगढ़ में जला दी गई थी बॉडी

दारागंज एरिया की रचना शुक्ला 16 अप्रैल 2016 को रहस्यमय परिस्थिति में गायब हो गई थी। परिवार वाले उसकी तलाश कर रहे। केस से जुड़े अधिवक्ता बताते हैं कि इस बीच एक युवती की बॉडी प्रतापगढ़ जिले के हथिगवां में मिली थी। बॉडी की पहचान उस वक्त भाई भोला ने रचना शुक्ला के रूप में की थी। मगर, उस वक्त पुलिस रचना के भाई भोला की बात मानने को तैयार नहीं हुई। कपड़ों के जरिए उसकी उमा भी हथिगवां में मिली बॉडी को बेटी रचना शुक्ला की बताई थी। इन सब के बावजूद पुलिस उसकी बात मानने को राजी नहीं थी। यह सब देखते हुए उमा ने बक्सीखुर्द मोहल्ले के सलमान के खिलाफ पुलिस को तहरीर दी। सलमान पर रचना शुक्ला की हत्या के आरोप थे। काफी मशक्कत के बाद पुलिस केस दर्ज कर ली। मगर, फाइल को ठंडे बस्ते में डाल दी गई। पुलिस की शिथिलता को देखते हुए उमा हाईकोर्ट की चौखट पर इंसाफ दिलाने की गुहार लगाई थी।

रचना शुक्ला मर्डर केस के साजिशकर्ता साजिद अली की जमानत अर्जी जिला जज द्वारा सुनवाई के बाद खारिज कर दी गई है। मेरे द्वारा इस घटना में जमानत अर्जी का प्रबल विरोध किया गया। केस में तीन मुल्जिमों की जमानत पहले ही खारिज हो चुकी है।

गुलाबचंद्र अग्रहरि, जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी