प्रयागराज (ब्‍यूरो)। सचिन को उसकी मां सुभद्रा ने मारा तो सुभद्रा को उसके बेटे सचिन ने मार डाला। कुछ पल के गुस्से ने बेटे को हैवान बना दिया। सचिन कमरे में लेटा हुआ था। मां सुभद्रा ने उसे काम पर जाने के लिए कहा। सचिन ने जाने से इंकार कर दिया। मां को गुस्सा आ गया। मां सुभद्रा ने बेटे को दो चपत लगा दी। इसके बाद सचिन का दिमाग फिर गया। उसने मां को धक्का दे दिया, फिर लोहे के बट्टे से सचिन ने मां के सिर पर तब तक वार किया जब तक उसकी मौत नहीं हो गई। जब तक सचिन को होश आया तब तक देर हो चुकी थी। इसके बाद सचिन ने लूट का मुकदमा दर्ज कराते हुए मां की हत्या का आरोप लगाया। मामले के खुलासे के लिए एसओजी को लगाया गया। घटना की जानकारी इक_ा करने में एसओजी को सचिन पर शक हो गया। पूछताछ में सचिन एसओजी के सवालों के आगे टूट गया। एसओजी ने सचिन को हिरासत में ले लिया। इसके बाद करेली पुलिस ने सचिन को जेल भेज दिया।

कानपुर का रहने वाला है परिवार
कानपुर थाना अरौल मकनपुर के गिलवट अमीनाबाद के रहने वाले मनीराम पाल करीब बीस वर्ष पहले प्रयाग आए। फिर यहीं पर काम धंधा जमा लिया। मनीराम स्टेनोग्राफी का काम करते हैं। दो बेटे सचिन और योगेश बड़े हुए तो मनीराम ने हाईकोर्ट के पास फोटो स्टेट की दुकान खोल ली। तीनों मिलकर कमाने लगे तो माली हालत अच्छी हो गई। मनीराम की पत्नी सुभद्रा घर में रहती थी। मनीराम ने बेनीगंज में किराए पर मकान ले रखा है। जहां पर परिवार रहता है।

रविवार को हुई थी घटना
पिछले रविवार को शाम करीब सात बजे मनीराम अपने दोनों बेटे सचिन और योगेश के साथ के साथ घर पहुंचे। कमरे का दरवाजा खुला हुआ था। मनीराम अंदर गए तो पत्नी सुभद्रा का हाल देख दंग रह गए। सुभद्रा की बॉडी बेड पर पड़ी थी। फर्श पर खून फैला हुआ था। सिर में गहरे चोट के निशान थे। मनीराम और दोनों बेटे रोने चिल्लाने लगे। कुछ देर में पड़ोसी आ गए। सूचना पर पुलिस भी पहुंच गई। मामले की छानबीन शुरू कर दी गई। बेटे सचिन पाल ने नकदी और गहने समेत बीस लाख की लूट और मां की हत्या की तहरीर करेली पुलिस को दी। पुलिस ने तहरीर के आधार पर केस दर्ज कर लिया।

रविवार को सचिन था घर पर
घटना के बाद पुलिस को सचिन ने बताया कि सुबह उसके पिता मनीराम और भाई योगेश काम पर चले गए। वह और मां सुभद्रा घर पर थे। करीब चार बजे वह भी दुकान पर चला गया। यानि घटना चार से सात बजे के बीच हुई। क्योंकि सात बजे तो मनीराम और उसके बेटे घर पहुंच गए थे।


फर्श पर फैले खून ने खोला राज
फोरेंसिक टीम ने खून का सैंपल लिया, उसकी जांच रिपोर्ट के मुताबिक सिर से बहा खून सात से आठ घंटा पुराना था। वहीं, सचिन ने बताया कि वह चार बजे घर से निकला। सचिन की बात और ब्लड सैंपल की रिपोर्ट मैच नहीं कर रही थी। जिस पर पुलिस ने आसपास का सीसीटीवी कैमरा खंगालना शुरू किया। एक जगह सचिन दोपहर में नजर आ गया। जिस पर एसओजी को सचिन पर शक हो गया। एसओजी ने सीधे शक जताने के बजाए सचिन का मोबाइल सर्विलांश पर लगा कर उसका डिटेल निकाला। पता चला कि बेनीगंज एरिया में जहां मनीराम का परिवार रहता है उस टॉवर के अलावा हाईकोर्ट तक के कई टॉवर में सचिन का नंबर मिला। वह भी चार बजे के पहले। जिस पर एसओजी का शक गहरा गया।

मर्डर बना पुलिस के लिए चुनौती
मौके पर फोरेंसिक टीम भी बुलाई गई। फोरेंसिक टीम ने फर्श पर पड़े खून का सैंपल लिया। घटना रविवार की है, सोमवार को खून के सैंपल की रिपोर्ट पुलिस को मिल गई। चूंकि घटना को लेकर कोई चश्मदीद गवाह नहीं था। किसी पर सीधा आरोप भी नहीं था। ऐसे में ये मर्डर पुलिस के चुनौती बन गया।

पूछताछ में टूट गया सचिन
एसओजी सीधे सचिन पर शक जताने से बच रही थी। सोमवार को अंतिम संस्कार की प्रकिया होने के बाद मंगलवार दोपहर में एसओजी ने सचिन को पूछताछ के लिए बुलाया। सचिन ने घटना वाले दिन की पूरी बात रट्टू तोते की तरह बता दिया। मगर शायद उसे पता नहीं था कि एसओजी अपना होमवर्क कर चुकी है। सचिन को एसओजी ने ब्लड सैंपल रिपोर्ट, मोबाइल टॉवर और सीसीटीवी फुटेज के बारे में बताया तो उसके होश उड़ गए।

पिता पुत्र के बयान ने बढ़ाया शक
सचिन ने पुलिस को बताया कि पंद्रह लाख नकद और पांच लाख के गहने गायब हैं। मौके पर पिता मनीराम ने तो कुछ नहीं बोला। मगर रात में जब एसओजी ने मनीराम से पूछा तो उसने बताया कि इतनी रकम होती तो वह बहुत कुछ कर लेता। चूंकि पैसों की नुकसान की वजह से पिता और सचिन के बीच कई महीने से बातचीत कम हो रही थी ऐसे में पंद्रह लाख नकद की बात पर मनीराम ने कुछ सफाई नहीं दी, मगर पांच लाख के गहने पर मनीराम ने कहा कि इतने गहने पत्नी के पास नहीं थे। इस पर भी एसओजी का शक सचिन पर गहरा गया।

मां की हत्या की बात कबूली
सचिन को एसओजी ने जब अपनी जांच की सारी बात बताई तो सचिन का चेहरा फीका पड़ गया। इसके बाद सचिन रोने लगा। उसने बताया कि वह कई महीने से टेंशन में है। उसका साढ़े छह लाख रुपये उधार है। शेयर मार्केट में करीब ढाई लाख रुपया डूब गया है। जिसकी वजह से वह तनाव में रह रहा था। घटना वाले दिन दस बजे पिता और भाई चले गए। वह खाना खाने के बाद कमरे में बिस्तर पर लेटा था। तभी मां आ गई। मां ने उसे काम पर जाने के लिए कहा। मगर उसका मन नहीं था। जिस पर गुस्से में आकर मां ने उसे दो थप्पड़ मार दिया। इसके बाद उसने मां को धक्का दे दिया। वह गिर पड़ी। इसके बाद उसने उठाकर फिर सचिन को मारा तो गुस्से में आए सचिन ने मां को धक्का देकर दोबारा गिरा दिया। इसके बाद किचन से लोहे के खल का बट्टा लाकर मां के सिर पर मारने लगा। कुछ देर में मां की मौत हो गई। मां की सांस थमने के बाद वह डर गया। उसने कमरे का सारा सामान फैला दिया इसके बाद करीब बारह बजे वह घर से निकल गया। उसने हत्या में प्रयुक्त लोहे का बट्टा हाईकोर्ट के पास झाड़ी में फेंक दिया।

पत्रकार से ली मदद
पुलिस के मुताबिक सचिन ने अपने एक पत्रकार साथी को पूरी घटना बताई। इस पर पत्रकार ने उसे सलाह दिया कि वह पंद्रह बीस लाख की लूट दिखा दे, तब पुलिस लुटेरों पर शक करेगी। उस पर शक नहीं करेगी। पत्रकार साथी की सलाह पर सचिन ने वैसा ही बयान पुलिस को दिया।

करेली के बेनीगंज में महिला का मर्डर बेहद चैलेंजिंग था। मगर एसओजी और पुलिस ने मिलकर मामले का खुलासा किया। महिला को उसके बेटे ने ही मारा था। आरोपित को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया है।
दीपक भूकर, डीसीपी सिटी

महिला के बेटे सचिन पर घटना के बाद ही शक हो गया था। मगर घटना को लेकर सीधे सचिन से पूछताछ नहीं की जा सकती थी। इसलिए एसओजी ने पहलेे अपना होमवर्क कम्पलीट किया। इसके बाद सचिन को बुलाकर जब सारी बात उसके सामने रखी गई तो वह टूट गया। उसने मां को मारने की बात कबूल कर ली।

ऐसे पहुंची पुलिस कातिल तक
मौके पर फोरेंसिक टीम ने ब्लड सैंपल लिया।
ब्लड सैंपल की रिपोर्ट एसओजी को दी।
सैंपल रिपोर्ट के मुताबिक महिला की मौत सात से आठ घंटा पहले हुई।
बेटे सचिन ने बयान दिया वह चार बजे घर से निकला।
ब्लड सैंपल रिपोर्ट और सचिन का बयान मिस मैच कर गया।
एसओजी को सचिन पर शक हो गया।
कई जांच रिपोर्ट देखकर सचिन टूट गया।


खुलासे में लगे 48 घंटा

7 बजे मनीराम बेटों के साथ घर पहुंचा।
7.15 पर पुलिस घर पहुंची।
9 बजे से एसओजी ने शुरू की जांच
11 बजे सोमवार को मिली ब्लड सैंपल रिपोर्ट
4 बजे दोपहर में मोबाइल टॉवर की मिली रिपोर्ट
11 बजे मंगलवार को सचिन को पूछताछ के लिए बुलाया।
6 बजे शाम मंगलवार को घटना का खुलासा हो गया।