अब तक छह शवों का कराया गया अंतिम संस्कार, अधिकारी भी रहे मौजूद
कोविड काल में गंगा और यमुना के किनारे बड़ी संख्या में दफनाये गये शवों के ऊपर से मिट्टी आंधी और बारिश के चलते हट गयी। उधर बीच पानी बढ़ना शुरू हुआ तो शव नदी में उतराये दिखने लगे। इन शवों के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी अब नगर निगम में उठा ली है। तय किया गया है कि अपनी सीमा में नगर निगम ऐसे शवों का अंतिम संस्कार अपने खर्च से करवायेगा। इसके लिए प्रयास भी शुरू हो गये हैं। नगर निगम की टीम अब तक छह शवों का अंतिम संस्कार करवा चुकी है।
रेत में दबा दी गयी थी बॉडी
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में शहर के अस्पतालों में सैकड़ों लोगों की मौत हुई है। तमाम लोगों ने घरों के भीतर दम तोड़ा था। पीक टाइम में घाटों पर चिता जलाने वालों की लाइन लगी थी। बहुत से लोग ऐसे भी थे जिन्होंने अंतिम संस्कार के नाम पर शवों को जमीन पर दफन कर दिया था। तब गर्मी का पीक सीजन चल रहा था तो किसी ने इसे नोटिस नहीं लिया गया। कोरोना की लहर कमजोर पड़ने के बाद दो बार चक्रवाती तूफान का असर प्रयागराज पर पड़ा। इस दौरान तेज हवाएं चलीं और बारिश भी हुई। इससे अफनाये गयी बॉडी के ऊपर से रेत गायब हो गयी। कब्र दिखायी देने लगी तो आलोचना शुरू हो गयी। इसके बाद प्रशासन जागा और उसने नगर निगम के सहयोग से शवों को जमीन में दबाना शुरू कर दिया।
बढ़ रहा है नदियों का जलस्तर
इधर बीच नदियों में पानी का स्तर बढ़ने लगा है। नतीजा किनारों पर कटान शुरू हो गयी है। कटान के चलते तमाम शव नदी के पानी में आ गये और उतराने लगे। फाफामऊ घाट एरिया में पिछले 48 घंटे में किनारे पांच फिट तक जमीन गंगा में समाहित हो गयी। इसके चलते शव गंगा नदी में बह गए हैं। कई जगह मिट्टी कटने से शव खुले में दिखाई देने लगे हैं। इन शवों के बहने से गंगा नदी प्रदूषित हो रही है। यह फिर से इश्यू न बन जाए इससे पहले गुरुवार को प्रशासन और नगर निगम ने इसे नोटिस ले लिया और टीमे उतार दी गयीं इन शवों का अंतिम संस्कार कराने के लिए।
घाटों के किनारे दफन बॉडी के अंतिम संस्कार का खर्च नगर निगम उठाएगा। गंगा में किसी प्रकार का प्रदूषण न हो और पर्यावरण स्वच्छ रहे इसको देखते हुए नगर निगम की ओर से यह फैसला लिया गया है। दाह संस्कार के दौरान प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहेंगे।
अभिलाषा गुप्ता नंदी
मेयर, प्रयागराज