प्रयागराज ब्यूरो । औद्योगिक थाना क्षेत्र के मवैया गांव में दस फरवरी की रात चार वर्षीय मासूम सौम्या खुद से कुएं में नहीं गिरी थी। मां ने ही उसे जिंदा ले जाकर कुएं में फेंका था। पुलिस की जांच में रविवार को उसका यह कुरूप चेहरा सामने आया तो लोगों का कलेजा मुंह को आ गया। प्रकरण का खुलासा होते ही मां की करुणा रो पड़ी तो इंसानियत शर्मसार हो गई। जिंदा बेटी को कुएं में फेकने वाली महिला को अपने किए पर कोई पछतावा तक नहीं है। पुलिस की पूछताछ में वह बड़ी बेबाकी से अपना जुर्म कबूल की। उसकी इस बात पर पुलिस को उस वक्त यकीन हुआ जब वह ससुराल वालों की कहानी बयां करने लगी। मासूम बेटी की कातिल महिला पर गांव का हर शख्स गुस्से से भरा रहा। ग्रामीण महिलाएं उसे कोसते हुए बददुआएं देती रहीं। बेटी को मारने के पीछे उसकी मंशा पति को छोडऩे की थी। दैनिक जागरण आईनेक्स्ट बॉडी बरामद होने के बाद ही कातिल के परिवार में ही होने का जता दिया था शक।

खोजता रहा परिवार खामोश रही शातिर
यमुना नगर स्थित मवैया गांव निवासी संजय यादव विद्युत विभाग में लाइनमैन है। उसकी शादी औद्योगिक थाना क्षेत्र के ही निबिया गांव की ममता यादव से वर्ष 2017 में हुई थी। शादी बाद ममता ने एक बेटी को जन्म दिया। जिसका नाम बड़े प्यार से पूरा परिवार सौम्या रखा। सौम्या चार साल की हुई तो उसे परिवार स्कूल भेजने लगा था। दस फरवरी 2023 की रात मासूम सौम्या को दस्त होने लगी। कई बार शौचालय होने से वल लस्त हो गई। रात में मां ममता उसे लेकर कमरे में सोने चली गई। मासूम बच्ची मां से लिपट कर गहरी नींद में सो रही थी। रात करीब तीन मां ममता परिजनों को बताया कि बेटी बिस्तर पर नहीं है। लोग देखे तो उसके रूम का दरवाजा खुला था। इस पर वह बताई कि बेटी को शौच कराने के बाद दरवाजा बंद करना भूल गई। पूरा परिवार मासूम बेटी को खोजने में जुट गया। बात कमरे में सो रहे उसके देवर के कान तक पहुंची तो वह भी उठ गए। दरवाजा खीचें तो उनके रूम का दरवाजा बाहर से बंद था। आवाज देकर वह दरवाजा खोलवाए और बाहर आकर वह भी बच्ची की तलाश में जुट गए। सुबह होने तक पूरा परिवार गांव में बच्ची की तलाश में जुटा रहा। सुबह ग्रामीणों की भीड़ भी मासूम की तलाश में जुट गए। कहीं कुछ पता नहीं चला तो पुलिस को खबर दी गई। औद्योगिक थाने की पुलिस गांव पहुंची और वह भी बच्ची की खोज खबर में लग गई। इस बीच उसके दरवाजे से थोड़ी दूर स्थित कुएं में झांक कर पुलिस व ग्रामीण देखे तो मासूम की बॉडी उतरा रही थी। उसकी बॉडी को पुलिस एनडीआरएफ बुलाकर बाहर निकलवाया। उस वक्त उसकी मां के बयान पर पुलिस को शक हो रहा था। सौम्या के चाचा पवन कुमार की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर पुलिस जांच में जुट गई।

बेनकाब होने के बाद कबूला राज
छानबीन में पुलिस को मालूम चला कि उसकी मां ही मासूम सौम्या को जिंदा कुएं में फेक दिया था। पुलिस के मुताबिक गुनाह कबूल करते हुए ममता ने बताया कि कुछ माह पहले वह सलवार सूट पहन ली थी। जिसे लेकर परिवार में उसका झगड़ा शुरू हो गया था। पति-पत्नी में भी विवाद होने के कारण दोनों अलग रह रहे थे। ममता बार-बार उलाहना देती थी कि बेटी नहीं होती तो वह पति को ही छोड़कर छुटकारा पा जाती और दूसरी जगह चली जाती। इसी मंशा के तहत वह पति को छोड़कर दूर जाने में रोड़ा बनी बेटी को कुएं में फेक कर मौत के घाट उतार थी। आश्चर्य की बात यह रही कि पूरा परिवार रात भर परेशान और बेटी की मौत पर उसकी आंखों में एक आशू तक नहीं था। खैर पुलिस महिला को गिरफ्तार करके कोर्ट में पेश की। जिसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।


बच्ची को जिंदा कुएं में फेकने की बात उसकी मां ने कबूल कर लिया है। पूछताछ में बताया कि वह पति को छोड़ कर जाना चाहती थी। बेटी की वजह से वह नहीं जा पा रही थी। इसलिए उसे मौत के घाट उतार दिया।

संजीव चौबे, इंस्पेक्टर थाना औद्योगिक क्षेत्र