प्रयागराज (ब्‍यूरो)। गौसनगर के लोगों ने ऐसी घटना न देखी और शायद न सुनी हो कभी। करीब एक घंटे तक घर के अंदर से तड़पने, चीखने, चिल्लाने की आवाज आती रही। मां, बहन और पिता जान बख्श देने के लिए आरिफ से गिड़गिड़ाते रहे, मगर उस पर कोई असर नहीं पड़ा। आरिफ ने अपनी मां, बहन को तड़पा तड़पा कर मार डाला। पिता की जान हमले में तो बच गई मगर वह मरणासन्न हाल में हैं।

चीख सुन पड़ोसी हो गए परेशान
कादिर के घर के अंदर से अक्सर चीखने चिल्लाने की आवाज आती थी। मगर कुछ देर में चीखने चिल्लाने की आवाज शांत हो जाती थी। लेकिन बुधवार को ऐसा नहीं हुआ। करीब पौने एक बजे जब चीखने चिल्लाने की आवाज शुरू हुई तो फिर घर के अंदर से आवाजें तभी शांत हुईं जब बाहर पुलिस आ गई और अंदर मां, बहन की सांसें थम गईं। लोगों ने बताया कि मां और बहन जोर जोर से चिल्लाकर आरिफ को छोड़ देने के लिए कह रहे थी। मगर अंदर आरिफ मां और बहन पर छूरे से वार किए जा रहा था। अंदर से आ रही दर्द भरी चीखों को सुनकर लोग दहल गए। कभी आजम की आवाज आती, कभी बहन आफरिन की और कभी मां अनीशा की।
सूचना पर पहुंचे ससुराल वाले
आजम की गली में ही उसकी ससुराल के परिचित लोग रहते हैं। परिचित ने शबाना के मायके में उसकी मां नाहिद को फोन कर बताया। नाहिद को लगा कि ये तो रोज का किस्सा है, मगर जब परिचित ने बताया कि घर के अंदर से बड़ी देर से दर्द भरी कराहने की आवाज आ रही है तो नाहिद घरवालों के साथ शबाना के घर पहुंची। यहां का हाल देख वह दंग रह गईं। आरिफ ऊपर से तेजाब की बोतल फेंक रहा था और पुलिस नीचे बचने का प्रयास कर रही थी।

हीन भावना की वजह से ऐसे लोगों का मानसिक स्वास्थ्य गड़बड़ हो जाता है। जिसकी वजह से उनकी सही या गलत सोचने समझने की क्षमता प्रभावित हो जाती है। फिर उनका किसी रिश्ते को लेकर कोई भाव नहीं रह जाता है। ऐसे लोगों को परिवार का हर व्यक्ति दुश्मन नजर आता है। इस स्थिति में मानसिक रूप से बीमार लोग अपनी जान दे देते हैं या फिर परिवार के सदस्यों को मार डालते हैं।
डा.कमलेश तिवारी, मनोवैज्ञानिक