प्रयागराज (ब्यूरो)। इस बार मां गंगा ने हनुमानजी को नहलाने के लिए विशेष दिन चुना था। 18 अगस्त को आधी रात गंगा हनुमान मंदिर में प्रवेश कर गई थी। यह श्रीकृष्ण जन्माष्टमी दिन था। लगभग दो सप्ताह तक जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी हुई। इस दौरान मंदिर के बाहर हनुमानजी की छोटी प्रतिमा की प्रतीक के रूप में पूजा की जाती रही। श्री मठ बाघंबरी गद्दी के पीठाधीश्वर महंत बलवीर गिरी ने बताया कि मंदिर परिसर से गंगा अब दूर जा चुकी हैं। मंदिर परिसर में शुक्रवार को पूरे दिन साफ-सफाई कराई गई। पूरे मंदिर परिसर की धुलाई हुई है। गर्भ गृह में जमा पानी निकाला जा चुका है। इसी पूरी प्रक्रिया में शुक्रवार रात हो गई। अब शनिवार की शाम चार बजे से मंदिर के कपाट आम दर्शनार्थियों के लिए खोल दिए जाएंगे। शनिवार की सुबह, पूजन, अर्चन, श्रृंगार किया जाएगा।

आठ सौ मीटर दूर है संगम

इस मंदिर से संगम करीब आठ सौ मीटर दूर है। यह मंदिर एक बांध पर स्थित है। इसलिए इसे बंधवा हनुमान मंदिर भी कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि जब हनुमानजी लंका विजय के बाद अयोध्या लौटे तो बहुत थके थे। मांग सीता ने उन्हें इस निरंजन और पावन स्थान पर विश्राम के

लिए भेजा था।