-प्रयागराज ब्यूरो ।महिलाओं के डिलीवरी के मामले में आशाएं किस तरह से खेल कर रही हैं। यह किसी से छिपा नही है। खुद सीएमओ इस मामले की जांच कर रहे हैं। इसी कड़ी में एक और घटना सामने आई है। जिसमें प्राइवेट क्लीनिक में डिलीवरी कराने पर जच्चा-बच्चा दोनों की मौत हो गई है। जब इस घटना का वीडियो वायरल हुआ तो सीएमओ ने इसकी जांच कराई। जिसमें पाया गया कि आशा कार्यकत्री ने गर्भवती महिला को प्राइवेट क्लीनिक में भर्ती कराया था। प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर उसे कार्यमुक्त कर दिया गया है।
क्या है पूरा मामला
मामला हंडिया तहसील क्षेत्र के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र टेला के अंतर्गत ग्राम सभा भिटिया का पुरा (टेला) का है। यहां सुनीता देवी नाम की एक गर्भवती को प्रसव पीड़ा हुआ तो गांव की आशा कार्यकर्ता फूलपत्ती देवी उसे सरकारी अस्पताल ले जाने के बजाय दिव्या मेडिकल फार्मा क्लीनिक पर लेकर पहुंच गई। यहां महिला का प्रसव कराया गया जिसने एक बच्चे का जन्म दिया था लेकिन प्रसव के बाद ही जच्चा बच्चा दोनों की मौत हो गई। इससे एरिया मे हड़कंप मच गया। इसकी वीडियो क्लिप भी वायरल हो गई।
पहले भी सामने आई शिकायत
बता दें कि दिव्या मेडिकल फार्मा क्लीनिक का पूर्व में और लापरवाही का मामला सामने आ चुका है। इ संबंध में टेला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधिकारी ने जानकारी दी है। मामले के संज्ञान में आने पर सीएमओ के निर्देशन में गठित टीम ने क्लीनिक को तत्काल सीज कर दिया। इतना ही नही प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर उसे कार्यमुक्त भी कर दिया गया है। कमेटी में शामिल अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ। तीरथ लाल, डॉ। आरसी पांडेय, डॉ। प्रमोद कुमार और जिला स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी राकेश जायसवाल को जांच सौंपी गई थी।
अभी कई चेहरे आएंगे सामने
बता दें कि इस संबंध में पहले भी सीएमओ की ओर से जांच की जा रही है। कई ऐसी आशाओं को चिंहित किया गया है जो धड़ल्ले से प्राइवेट अस्पतालों में गर्भवती महिलाओं को ले जाकर उनकी डिलीवरी करा रही हैं। जिससे सरकारी योजनाओं को नुकसान पहुंच रहा है और लाभार्थियों को इनका लाभ नही मिल पा रहा है।
शिकायत मिलने के बाद चार सदस्यीय कमेटी बनाकर मामले की जांच कराई गई है। पता चला कि मामला सही है। क्लीनिक को सील करा दिया गया है और इसके साथ ही आशा को बाहर कर दिया गया है।
डॉ। आशु पांडेय, सीएमओ प्रयागराज