प्रयागराज ब्यूरो । जो बच्चे जन्म के तुरंत मां का दूध नहीं पी पाते या उन्हें मां नहीं पिला पाती हैं, ऐसे बच्चों के लिए डफरिन अस्पताल में मदर मिल्क बैंक खुल चुका है। जिसका उदघाटन आज होना है। पूर्वांचल के जिलों में प्रयागराज में पहली बार यह सुविधा मिलने जा रही है। डॉक्टर्स का कहना है कि इसका सबसे बड़ा फायदा कि बच्चों को मां के पहले दूध से वंचित नहीं होना पड़ेगा।

लंबे समय तक रहेगा सेफ

मेडिकल साइंस कहती है कि जन्म के तत्काल बाद बच्चे को मां का पहला दूध जरूर मिलना चाहिए। इसमें वह सभी पोषक तत्व होते हैं जो बच्चे के लिए अत्यधिक आवश्यक होते हैं। लेकिन, कई केसेज में ऐसा भी होता है कि जन्म के बाद मां बच्चे को दूध नहीं पिला पाती हैं। खासकर सीजेरियन में यह दिक्कत आती है। इसके अलावा बच्चे भी जन्म के बाद कई कारणों से एसएनसीयू (स्पेशल न्यू बार्न केयर यूनिट) वार्ड में एडमिट होते हैं और मां का दूध नही पी पाते हैं।

24 घंटे से अधिक स्टोरेज

बारह लाख की लागत से बने मदर मिल्क बैंक में मां के दूध को 24 घंटे तक फ्रिज में रखा जाएगा। अगर इससे अधिक समय इसे स्टोर करना है तो फिर से डीप फ्रीजर में रख दिया जाएगा। इसके बाद जब भी जरूरत पड़ेगी बच्चे को यह उपलब्ध कराया जाएगा। इस प्रासेस में माताओं को हास्पिटल स्टाफ को अपना दूध उपलब्ध कराना होगा। डॉक्टर्स का कहना है कि जच्चा और बच्चा दोनों के लिए यह बेहद कारगर होगा। ऐसी स्थिति में दोनों की सेहत पर विपरीत प्रभाव नही पड़ेगा।

हर साल होते हैं 400 डिलीवरी

डफरिन अस्पताल जिले का सबसे बड़ा महिला अस्पताल है और यहां पर वर्तमान में 74 बेड उपलब्ध है जिनमें महिलाओं को रखा जाता है। हर साल इस अस्पताल में 400 डिलीवरी होती हैं। इनमें कई डिलीवरी सीजेरियन भी होती हैं। इसके अलावा एक हजार के आसपास रोजाना ओपीडी भी होती है। महिलाओं की प्रसव संबंधी समस्याओं का यहां निदान किया जाता है।

मां और बच्चों की सेहत के लिहाज से यह बड़ा कदम है। इसका फायदा दोनों को मिलेगा। शुक्रवार को मेयर के द्वारा इस यूनिट का उदघाटन होना है। मदर मिल्क बैंक में मां के दूध को लंबे समय तक सुरक्षित रखा जा सकेगा।

डा। कजली गुप्ता, सीएमएस डफरिन अस्पताल प्रयागराज