बारिश बनी कारण, आधे से अधिक शहर की सड़कें सीवर के लिए खोदी गई हैं
बच्चों का घर से स्कूल और स्कूल से घर आना-जाना हुआ मुश्किल
बारिश की वजह से गड्ढों का पता नहीं चलने से आए दिन हो रही दुर्घनाएं
वार्डो में सड़कों की स्थिति की रेटिंग
वार्ड 1 से 20- रेटिंग 4.2
वार्ड 21 से 40- रेटिंग 3.9
वार्ड 41 से 60- रेटिंग 4.0
वार्ड 61 से 80- रेटिंग 3.8
----------------
वार्ड 1 से 80- रेटिंग 4.01
ALLAHABAD: 2012 में नगर निगम के पार्षदों का सत्र शुरू हुआ था तो शहर के सड़कों की हालत काफी खराब थी। साल भर बाद ही 2013 के कुंभ में सड़कों की हालत बदल गई। जो सड़कें वर्षो से खराब थीं अचानक चमकने लगीं। मेन रोड ही नहीं गलियां भी अपने भाग्य पर इतराने लगी थीं। इस पर करोड़ों अरबों रुपये खर्च हुए। कुंभ के बाद नगर निगम और पीडब्ल्यूडी ने भी सड़कों व गलियों को बनवाया। लेकिन कुछ दिन बाद ही जिन्होंने सड़कों को चमकाया था, उन्होंने ही उनकी सूरत बिगाड़नी शुरू कर दी। कभी पाइप लाइन बिछाने, कभी सीवर लाइन बिछाने, कभी अंडर लाइन बिछाने या फिर किसी और काम से शहर की लगभग सभी सड़कें बारी-बारी से खोदी जाती रहीं। ये सिलसिला अब भी जारी है।
हमने चलाया था अभियान
पिछले दिनों दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने शहर के वार्डो में अभियान चलाकर समस्याएं अधिकारियों के सामने रखीं। इनमें सड़कों की स्थिति काफी खराब रही। पब्लिक ने भी अपनी समस्याएं बताई। लेकिन सड़कों की हालत अभी भी नहीं सुधरी है। सीवर लाइन बिछाने के लिए खोदी गई कुछ ही सड़कें बनीं और हद तो ये दूसरे इलाकों में उससे अधिक फिर खोद दी गई।
सीवर लाइन सबसे बड़ी समस्या
सीवर की समस्या से शहर के लोगों को छुटकारा मिल जाए, इसलिए पूरे शहर में सीवर लाइन डाली जा रही है। लेकिन सीवर लाइन बिछाने की प्रक्रिया इलाहाबादियों के लिए सबसे बड़ी समस्या बन गई है। इसके लिए विभाग के काम का तरीका जिम्मेदार है। सीवर लाइन बिछाने के लिए खोदाई के बाद सड़कों की मरम्मत नहीं कराई जा रही है। कई-कई जगह रोड पर मिट्टी डाल कर छोड़ दिया गया है, जो बारिश के बाद समस्या बन गई है।
बारिश होने के बावजूद खोदाई जारी
पिछले वर्ष कमिश्नर के साथ ही न्यायिक अधिकारियों ने बरसात के पूर्व ही सीवर लाइन बिछाने का काम बंद करने और खोदी गई सड़कों को बनाने का आदेश दिया था। इस वर्ष उस आदेश का पालन नहीं हुआ। बरसात शुरू हो गई है, लेकिन सड़कों की खोदाई जारी है। राजरूपपुर एरिया में कौशांबी जाने वाली रोड को ही बंद कर दिया गया है। संडे को दिन में दस बजे तक काम जारी था। तब पब्लिक ने विरोध कर दिया और हंगामा बढ़ा तो मजबूरी में काम बंद हुआ।
बरसात से पहले ही गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई को सीवर लाइन बिछाने का काम बंद करने के साथ खोदी गई सड़कों को बनाना चाहिए था। लेकिन अभी काम जारी है। इसका खामियाजा लोगों के साथ छोटे बच्चों को भुगतना पड़ेगा। मंडे से स्कूल खुल रहे हैं और बच्चे गड्ढों में गिरकर घायल होंगे।
चंद्रभूषण सिंह
पार्षद, राजरूपपुर
कहने को इलाहाबाद स्मार्ट सिटी बनने जा रहा है। लेकिन यहां की सड़कों का हाल बदहाल है। इसके लिए सरकारी विभाग जिम्मेदार हैं, जो मनमाना काम करते हैं।
संजीव यादव
राजरूपपुर में कई दिनों से सीवर लाइन बिछाने के लिए सड़क खोदी गई है। बरसात शुरू है, फिर भी खोदाई जारी है। इससे समस्याएं बढ़ गई हैं। अब लोगों को दिक्कत झेलनी होगी।
आलोक सिंह
सिविल लाइंस को छोड़ दिया जाए तो पूरे शहर की सड़कों की हालत खराब है। अधिकारियों का पूरा फोकस केवल सिविल लाइंस पर ही है। बाकी सड़कों से सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।
अंकित केसरवानी
योगी सरकार ने 30 जून तक प्रदेश की सड़कों को गढ्डामुक्त करने का वादा किया था। हाईवे की स्थिति चाहे जो हो, लेकिन शहर के अंदर तो दावा पूरी तरह से खोखला साबित हो रहा है।
गुड्डन जायसवाल
गर्मी के दिनों में किसी तरह काम चल गया। हिचकोले खाने और दर्द सहने के बाद भी व्हीकल चलते रहे। लेकिन गढ्डायुक्त सड़कों का साइड इफेक्ट अब दिखने लगा है।
संजय मिश्रा
राजरूपपुर का मेन रोड जहां खुदा पड़ा है। वहीं कालिंदीपुरम होते हुए 60 फीट रोड चलने लायक नहीं रह गई है। बड़े-बड़े गड्ढों में पानी भरा होने से एक्सीडेंट का खतरा बना हुआ है।
हरिश्चंद्र
समस्या तो अब शुरू होगी। सोमवार से शहर के सभी स्कूल खुल रहे हैं। ऐसे में राजरूपपुर की मेन रोड बंद होने से बच्चे घर से स्कूल और स्कूल से घर कैसे जाएंगे, यह समझ में नहीं आ रहा।
प्रदीप राय
सिविल लाइंस से पुराने शहर में इंट्री का मेन प्वाइंट यानी निरंजन पुल का रास्ता ही डिस्टर्ब है। रोड पर जहां गढ्डे हैं। वहीं पुल के नीचे पानी भरा रहता है। संडे की सुबह हुई बारिश के बाद स्थिति खराब हो गई।
पप्पू तिवारी
मंडे से स्कूल खुलने के साथ ही एक हजार से अधिक छोटे-बड़े व्हीकल रोड पर आ जाएंगे। इसमें से करीब 300 से अधिक व्हीकल तो राजरूपपुर एरिया की तरफ आते हैं।
लोकेंद्र कुमार श्रीवास्तव
बारिश को देखते हुए सीवर लाइन बिछाने के काम को रोकते हुए रीस्टोर करने का आदेश दिया गया है। करेली व पुराने शहर में जगह-जगह बीएम कराया जा रहा है। रीस्टोर टीम एक्टिव कर दी गई है। जहां-जहां भी सीवर लाइन बिछाने का काम चल रहा है, उसमें तेजी का आदेश दिया गया है।
अजेय रस्तोगी
जीएम, गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई
कहीं भी सीवर लाइन बिछाने का काम होगा तो सवा महीने का समय लगेगा ही। बारिश को देखते हुए गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई को काम में तेजी का आदेश दिया गया है। राजरूपपुर एरिया की समस्या को ध्यान में रखते हुए रीस्टोर कराया जाएगा।
अभिलाषा गुप्ता
मेयर, नगर निगम