प्रयागराज ब्यूरो । पास करने के लिए छात्रों को बेहतर आप्शन उपलब्ध कराने के लिए प्रदेश सरकार ने एक योजना का खाका तैयार किया। इसके तहत उत्तर प्रदेश राज्य मुक्त विद्यालय परिषद का गठन किया जाना था। सरकार के स्तर पर यह योजना जमीन पर उतर भी नहीं पायी कि शातिर एक्टिव हो गये। उन्होंने इसके वेबसाइट बना डाली। छात्र इस पर भरोसा कर लें इसके लिए मुख्यमंत्री के अलावा माध्यमिक शिक्षा मंत्री और विभाग के प्रमुख सचिव का फोटा लगा दी। स्क्रॉल में सरकारी योजनाओं को डिस्प्ले कर दिया। इसमें स्कूल शिक्षा के महानिदेशक का भी फोटो एड कर दिया गया था। इसका मुख्यालय प्रयागराज में बता दिया गया। छात्रों को डिग्री के लिए आवेदन का ऑफर किया जाने लगा। शातिरों के चंगुल में कितने लोग फंसे यह तो अभी पता नहीं चल पाया है लेकिन, हुक्मरान जरूर एक्टिव हो गये। उन्होंने फेक वेबसाइट डेवलप करने वाले के खिलाफ साइबर थाने में केस दर्ज करा दिया है। तहरीर में दो साइटों को फर्जी बताया गया है। अब पुलिस के लिए यह पता लगाना बड़ा चैलेंज है कि ठगी का शिकार कितने हुए हैं। कितनों ने यहां वेबसाइट के जरिए प्रवेश ले लिया है।

फर्जी वेबसाइट व फेस बुक से रहें सावधान
पत्राचार शिक्षा संस्थान के अपर शिक्षा निदेशक की तरफ से दी गई तहरीर में जिस वेबसाइट का जिक्र किया गया है दैनिक जागरण आई नेक्स्ट वहां तक पहुंच गया। रात सवा 11 बजे तक यह वेबसाइट एक्टिव थी। इस वेबसाइट पर यह सूचना पर फ्लैश की जा रही थी कि फर्जी वेबसाइट और फेसबुक से सावधान किया गया है। इसका मुख्यालय शांतिपुरम फाफामऊ बताया गया है और यहां सेकेंडरी, सीनियर सेकेंड्री, वोकेशनल कोर्स और बेसिक एजुकेशन कोर्स ऑफर किये जा रहा थे। आनलाइन कोर्स ज्वाइन करने के लिए अप्लाई करने की सुविधा के साथ यहां आनलाइन पेमेंट की भी सुविधा ऑफर की जा रही थी। कुल मिलाकर बंदोबस्त ऐसा किया गया था कि छात्र आसानी से झांसे में आ जाए। तहरीर में बताया गया है कि प्रदेश में उत्तर प्रदेश मुक्त विद्यालय परिषद के नाम से अवैध संस्था राजमन गौड़ द्वारा संचालित की जा रही है। साथ ही अवैध रूप से संचालित वेबसाइट के जरिए उत्तर प्रदेश राज्य मुक्त विद्यालय परिषद के नाम से अंक पत्र भी वितरित किए जा रहे हैं।

पुलिस ने दर्ज किया केस
मामला संज्ञान में आने पर अपर शिक्षा निदेशक पत्राचार संस्थान ने साइबर थाने को तहरीर दिया। तहरीर के आधार पर राजमन गौड़ के खिलाफ साइबर थाने की पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। तहरीर में बताया गया है कि इस संस्था द्वारा हाई स्कूल एवं इंटरमीडिएट के जो भी प्रमाण पत्र जारी किए गए हैं वो फर्जी हैं।


हैरत है किसी को पता नहीं चला
उत्तर प्रदेश राज्य मुक्त परिषद की तरफ से फर्जी वेबसाइट का संचालन किया जा रहा है। संस्था भी अवैध बताई जा रही है। मगर हैरत है कि इसका पता किसी को नहीं चला। जबकि शिक्षा विभाग से जुड़े न जाने कितने अफसरों की फोटो इस फर्जी वेबसाइट पर लगी है। यही नहीं, मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री कभी भी तस्वीर फर्जी वेबसाइट पर लगी है। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है आखिर प्रदेश सरकार का साइबर मॉनिटरिंग सिस्टम क्या रहा है।

शासन को भी भेजा गया पत्र
अपर शिक्षा निदेशक पत्राचार ने केस दर्ज कराने के अलावा अपर मुख्य सचिव माध्यमिक के निजी सचिव, महानिदेशक स्कूल शिक्षा निशातगंज, शिक्षा निदेशक माध्यमिक, सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद को भी पत्र भेजकर मामले से अवगत कराया गया है।

अपर शिक्षा निदेशक पत्राचार की तरफ से तहरीर दी गई है। तहरीर में उत्तर प्रदेश राज्य मुक्त विद्यालय के संचालन को अवैध बताया गया है। तहरीर के आधार पर केस दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच की जा रही है।
राजीव तिवारी
इंस्पेक्टर साइबर थाना


छात्रों के भविष्य से खिलवाड़
राज्य मुक्त परिषद हाई स्कूल और इंटर की मार्कशीट बांट रहा है। जबकि सरकारी व्यवस्था में इस संस्था या इस तरह की संस्था का कोई अस्तित्व नहीं है।
राज्य मुक्त परिषद द्वारा खुद को माध्यमिक शिक्षा परिषद से संबद्ध बताया जाता है। जबकि ऐसा है नहीं।
बताया जा रहा है कि ये फर्जीवाड़ा कई साल से चल रहा है।
ऐसे में अब तक न जाने कितने हजार छात्रों के साथ फर्जीवाड़ा किया जा चुका है।
फिलहाल साइबर थाने की पुलिस ने इस प्रकरण की जांच शुरू कर दी है। उम्मीद है की जल्द ही फर्जी संस्थान का संचालक राजमन गौड़ पुलिस की गिरफ्त में होगा।

लक्ष्य और उद्देश्य
वेबसाइट पर जो मेंशन किया गया है उसके मुताबिक यूपीएसओएसबी का मिशन स्कूली लड़कियों और महिलाओं, ग्रामीण युवाओं, कामकाजी पुरुषों और महिलाओं पर विशेष ध्यान देते हुए सभी को शिक्षा प्रदान करना है। ग्रामीण/शहरी क्षेत्र के उन छात्रों के बीच माध्यमिक और वरिष्ठ माध्यमिक शिक्षा प्रदान करना है जो आर्थिक पहलुओं में सबसे पिछड़ी स्थिति के कारण माध्यमिक और वरिष्ठ माध्यमिक शिक्षा के लिए जाने में असमर्थ हैं। नौकरी के अवसर और व्यावसायिक शिक्षा प्रक्रिया से छात्रों को बचाना उद्देश्य बताया गया है।