प्रयागराज ब्यूरो । प्रयागराज- अगर आपका मोबाइल गुम या चोरी हो गया है और तत्काल पुलिस से हेल्प नही मिल रही है तो चिंता मत करिए। भारत सरकार के टेलीकॉम विभाग की ओर से बहुत पहले ही हेल्पलाइन नंबर 14422 जारी किया जा चुका है। लेकिन लोगों को इसकी जानकारी नही है। इसके चलते वह इस सुविधा का लाभ भी नही ले पाते हैं। वह थाने का चक्कर ही काटते रह जाते हैं।
क्या है इस हेल्पलाइन नंबर का लाभ
इस नंबर को भारत सरकार के टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने काफी पहले जारी किया है। यह नंबर मोबाइल के गुम या चोरी होने पर काफी काम का साबित हो सकता है। इस हेल्पलाइन लाइन पर तत्काल सूचना देने से मोबाइल फोन को ब्लॉक किया जा सकता है। इससे आपका डाटा या फोटो आदि चोरी नही होगी। साथ ही मोबाइल का मिसयूज करना भी असंभव होगा। इस नंबर पर कॉल करने के बाद यह आपको आप्शन देगा। जिसका स्टेप बाई स्टेप फालो करना होगा।
यहां भी दर्ज करा सकते हैं शिकायत
इसी प्रकार सीईआईआर यानी सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर की वेबसाइट ष्द्गद्बह्म्.द्दश1.द्बठ्ठ पर भी शिकायत दर्ज कराकर गुम या चोरी गए मोबाइल की बरामदगी करा सकते हैं। टेलीकॉम विभाग ने खोए या चोरी गए मोबाइल का पता लगाने के लिए इस सिटीजन पोर्टल का निर्माण किया है। इस पोर्टल के जरिए सभी मोबाइल सिम आपरेटरों के मोबाइल पर ब्लॉक किया जा सकता है। ऐसा करने से खोए हुए मोबाइल का डाटा यूज नही होगा। इतना ही नही, इस पोर्टल के जरिए ब्लॉक मोबाइल को अगर कोई यूज करने की कोशिश करता है तो उसकी लोकेशन भी एक्टिव हो जाती है। मोबाइल फोन मिल गया है तो इसे पुन: पोर्टल के जरिए अन ब्लाक भी किया ज ासकता है।
यह जानना भी आपके लिए जरूरी
- चोरी गए मोबाइल नंबर का आईएमईआई नंबर आजकल बदल दिया जाता है। बाद में इसे किसी अनजान आदमी को धोखे में रखकर बेच दिया जाता है। बाद मे पुलिस उस व्यक्ति को जानकारी होने पर परेशान भी करती है।
- बता दें कि *प्त०६प्त डायल कर उसका असली आईएमईआई नंबर का पता लगा सकते हैं। - इसी तरह अगर आपने सेकंड हैंड मोबाइल परचेज किया है तो इसे खरीदते समय 14422 पर केवाईएम (आईएमईआई) मैसेज भेजकर इसका असली आईएमईआई नंबर का पता लगा सकते हैं।
- इसी तरह नो योर मोबाइल ऐप के जरिए मोबाइल की वैलिडिटी के बारे में जानकारी ली जा सकती है।
बढ़ रही हैं मोबाइल चोरी की घटनाएं
वर्तमान में मोबाइल चोरीऔर छिनैती की घटनाएं तेजी से बढ़ रही है। राह चलते लोगों के महंगे मोबाइल सेट गायब हो रहे हैं। बाद में इन्हें ढूंढना आसान नही होता है। सबसे ज्यादा डर इन मोबाइल के मिसयूज होने का होता है। शहर में जुलाई से दिसंबर के बीच कुल 146 मोबाइल चोरी हो चुके हैं और इसमें महज 12 ही बरामद हुए हैं। कई बार लोगों को इन सुविधाओं की जानकारी नही होने पर वह इनका लाभ नही ले पाते हैं। जिससे मोबाइल की बरामदगी अधिक कठिन हो जाती है।