बीमार महिला के बेटे का फटा सिर पति को भी आई चोटें, बूढ़ी सास से भी अभद्रता
PRAYAGRAJ: प्रतापगढ़ से सविता पांडेय की जान बचाने आए तीमारदारों की बुधवार को एसआरएन हॉस्पिटल में जमकर पिटाई की गई। महिला के बेटे का सिर फट गया। उसके शरीर पर कई जगह चोटें आई। जबकि उसके पति की आंख और चेहरे पर हमला किया गया। साथ ही बीमार महिला की बूढ़ी मां से भी अभद्रता की गई। आरोप है कि तीमारदारों को डॉक्टर रूम में बंदकर बेरहमी से कई लोगों ने पीटा। किसी तरह छूटे तो जान बचाकर सभी एसआरएन हॉस्पिटल चौकी पहुंचे और हंगामा शुरू कर दिए। पुलिस भी उनके जरिए पक्षपात के आरोप लगाए गए हैं।
डॉक्टर्स से लगाते रहे गुहार
प्रतापगढ़ पट्टी के कांधरपुर निवासी चंद्रभूषण पांडेय की पत्नी सविता अचानक कोमा में चली गई। इलाज के लिए उसे लेकर वह बेटे अतुल के साथ जिला अस्पताल पहुंचा। वहां से उसे एसआरएन हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया गया। रेफर के बाद सविता को लेकर बाप व बेटे एसआरएन हॉस्पिटल पहुंचे। अतुल ने बताया कि स्ट्रेचर नहीं मिलने पर मां को गोद में उठा कर हम लोग इमरजेंसी मेडिसिन वार्ड पहुंचे। वहां एक स्ट्रेचर पड़ा था। उसी पर मां को लेटा दिए और भाग कर डॉक्टर रूम में गए। कई बार कहने पर इलाज शुरू करना तो दूर मां को बेड तक नहीं मिल रहा था।
पुलिस पर भी पक्षपात के आरोप
उसने बताया कि हम और पिता जी बार-बार भागकर डॉक्टर से बेड दिलाने व इलाज करने की गुहार लगा रहे थे। बार-बार आने की बात को लेकर डॉक्टर नाराज होकर गालियां देने लगे। गाली न देने की बात करते हुए सभी फिर इलाज शुरू करने के लिए कहने लगे। रूम में बंद करके पिटाई गई। कहा कि कई डॉक्टर मिलकर बेरहमी से मारे। इससे अतुल का सिर फट गया और पीठ पर काफी चोटें आई। उसके पिता चंद्रभूषण पांडेय के मुंह व आंख पर भी सूजन आ गई। किसी तरह वह उनके चंगुल से बाहर आए तो चीखते चिल्लाते हुए एसआरएन चौकी जा पहुंचे। आरोप है कि चौकी पुलिस भी उनकी मदद के बजाय डॉक्टरों का पक्ष लेने लगी। लोगों की भीड़ लगते देख चौकी इंचार्ज सिपाहियों के साथ उन्हें शांत कराते हुए वार्ड पहुंचे। देर रात तक कोमा में गई महिला का इलाज शुरू नहीं हो सका था।
कुछ दिन पहले भी हुई थी घटना
अपनों की जिंदगी बचाने की उम्मीद लेकर धरती के भगवान कहे जाने वाले डॉक्टरों के पास पहुंचे तीमारदारों संग मारपीट की घटना कोई नई नहीं है। इसके पहले भी बेड और इलाज को लेकर यहां मारपीट जैसी घटनाएं हो चुकी हैं। लोगों का कहना है कि हॉस्पिटल पहुंचे तीमारदार परेशान होते हैं। वह आखिर डॉक्टरों से मदद की गुहार नहीं लगाएंगे तो क्या करेंगे? चूंकि उनके अपनों की जिंदगी खतरे में होती है। लिहाजा वे परेशान होकर बार-बार इलाज के लिए निवेदन करते हैं।
महिला के तीमारदार इलाज को लेकर परेशान थे। उनके साथ मारपीट की घटना हुई है। जानकारी होने पर उन्हें शांत कराते हुए महिला को बेड दिलवा कर इलाज शुरू करवा दिया गया है।
दयाराम
चौकी इंचार्ज एसआरएन हॉस्पिटल