प्रयागराज (ब्यूरो)। जुर्माने की रकम अदा नहीं करने पर अदालत ने दस दिन के साधारण कारावास का आदेश दिया है। यह आदेश एमपीएमएलए कोर्ट के न्यायाधीश दिनेश चंद्र शुक्ला द्वारा सजा के बिन्दु पर सुनवाई के बाद दिया गया। प्रकरण वर्ष 2014 में मुट्ठीगंज थाने में दर्ज मुकदमें से सम्बंधित है। मामले के आरोपित कमल कुमार उर्फ लाला को अदालत ने बरी कर दिया है। एक साल की सजा के बाद नंद गोपाल गुप्ता उर्फ नंदी सहित तीनों की ओर से अधिवक्ता द्वारा कोर्ट से मुचलका और बाण्ड पर जमानत दिए जाने की चायना की गई। जिसे स्वीकार करते हुए कोर्ट ने बीस-बीस हजार रुपये बाण्ड और मुचलका व दो-दो जमानतदार दिए जाने जमानत दे दिया।
मुट्ठीगंज में दर्ज हुआ था केस
अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि तीन मई 2014 को मुट्ठीगंज में आरोपितों पर मुकदमा दर्ज हुआ था। इन पर तत्कालीन सपा सांसद और सपा प्रत्याशी रेवती रमण सिंह की जनसभा पर हमला करने के आरोप हैं। नन्द गोपाल गुप्ता उर्फ नन्दी उस वक्त कांग्रेस के टिकट से लोकसभा का चुनाव लड़ रहे थे। वह समर्थकों के साथ रेवती रमण सिंह की जनसभा में पहुंचकर हंगामा किए थे। आरोप है कि सपा समर्थकों की लाठी व डंडों से पिटाई की गई थी। नंद गोपाल गुप्ता नंदी पर मामले में समर्थकों को उकसाने का आरोप है। उनके उकसाने पर साथ रहे समर्थ उग्र हो गए थे। सपा कई समर्थकों को चोटें आई थीं। सपा के दलित कार्यकर्ताओं पर जातिसूचक शब्दों का प्रयोग किया गया था। अदालत द्वारा इसी मामले में सजा के बिन्दु पर सुनवाई की गई। जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी के मुताबिक अदालत द्वारा आरोपित नन्द गोपाल गुप्ता उर्फ नंदी व नीरज गुप्ता एवं निजामुद्दीन को धारा 147 में एक साल की सजा सुनाई गई। साथ ही पांच-पांच हजार का जुर्माना भी लगाया गया। जुर्माने की राशि अदा नहीं करने पर दस दिनों की साधारण कारावास से दंडित किया गया। इसी तरह धारा 323 में भी तीनों को छह-छह माह की सजा व पांच-पांच हजार के जुर्माने से दंडित किया गया। इसमें भी जुर्माना अदा नहीं करने पर दस दिन की साधारण कारावास की सजा अदालत द्वारा तीनों को दी गई है। कोर्ट ने कहा है कि यह सभी सजाएं एक साथ चलेंगी। इसी मामले के आरोपित कमल कुमार उर्फ लाला को अदालत ने बरी कर दिया है। नन्द गोपाल गुप्ता उर्फ नंदी व नीरज गुप्ता और निजामुद्दीन की ओर से मुचलका व 20-20 हजार रुपये का बाण्ड एवं दो-दो जमानतदार दिए जाने पर अदालत ने तीनों सजायाफ्ता मुल्जिमों को जमानत दे दिया है।
पत्रावलियों के अवलोकन व उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर कोर्ट द्वारा यह सजा सुनाई गई है। नंदी समेत दो अन्य को एससीएसटी सहित अन्य धाराओं में दोष मुक्त करार दिया गया है। बचाव पक्ष की ओर से पूरी काफी प्रयास किया गया था।
गुलाबचंद्र अग्रहरि जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी