प्रयागराज (ब्यूरो)। धीरज ने शादी नही की थी। बताया जाता है कि उसके खाते में 70 लाख रुपए मौजूद हैं। यह उसके पिता और उसकी खुद की हर माह मिलने वाली सैलरी की रकम है, जिसे उसने कभी खर्च नही किया। जबकि हमेशा लोगों से मांगकर पैसे लेता था और खाना खाता था। उसके मैले कुचैले कपड़े देखकर लोगों को उसकी रईसी का अंदाजा नही होता था। लेकिन राज खुलने के बाद हाल ही में लोग उसे करोड़पति स्वीपर कहकर पुकारने लगे थे।
पिता की मौत के बाद मिली नौकरी
धीरज के पिता सुरेश चंद्र जिला कुष्ठ रोग विभाग में स्वीपर के पद पर कार्यरत थे। नौकरी में रहते ही उनकी मौत हो गई। इसके बाद धीरज को मृतक आश्रित पर उसी विभाग में स्वीपर पद पर नौकरी मिल गई। दिसंबर 2012 से वह यहां तैनात था। लोग बताते हैं कि वह बेहद ईमानदार था और कभी उसकी कोई शिकायत किसी को नही मिली। घर में उसकी 80 साल की मां को सरकार से पेंशन मिलती थी। यहां तक कि बैंक के कर्मचारी उससे खाते से पैसे निकालने की गुजारिश करते थे लेकिन वह नही निकालता था। मांगकर वह अपना खर्च चलाता था। उसकी मौत से कुष्ठ रोग विभाग के अन्य कर्मचारी भी दुखी हैं।