प्रयागराज ब्यूरो ।देश में प्रोस्टेट कैंसर से हर साल कई लोगों की मौत हो जाती है। समय पर पता नही चल पाने से मरीजों की जान बचाना मुश्किल हो जाता है। इस मामले को रविवार को एसआरएन अस्पताल की पीएमएसएसवाई बिल्डिंग में देश भर के न्यूरोलॉजिस्ट का समागम हुआ। एमएलएन मेडिकल कॉलेज द्वारा आयोजित प्रोस्टाकॉन 2023 में प्रोस्टेट की ओपन और दूरबीन विधि से सर्जरी का लाइव प्रसारण किया गया।

समय पर परीक्षण जरूरी

वर्कशॉप में बताया गया कि पुरूषों में प्रोस्टेट की समस्या तेजी से बढ़ रही है। खासतौर से 60 वर्ष की उम्र के बाद इस समस्या का होना कामन है। ऐसे में इस एज के बाद खून में पीएसए की लगातार जांच हो तो प्रोस्टेट कैंसर का समय से पता लगाया जा सकता है। दिल्ली अपोलो हॉस्पिटल के यूरोलॉजिस्ट रोबोटिक सर्जन डॉ। अंशुमान अग्रवाल ने कहा कि लोगों में जागरुकता की कमी के चलते वह समय पर जांच नही कराते हैं। इस अवसर पर प्रोस्टेट की नौ सर्जरी का सजीव प्रसारण किया गया। जिसमें ओपेन, दूरबीन विधि, लेजर व रोबोटिक तीन प्रकार की सर्जरी को शामिल किया गया।

दोनों तरह से होती है सर्जरी

आरएमएल लखनऊ के डॉ। जैन इकबाल तंबोली ने कहा कि प्रोस्टेट की बीमारी में ओपेन और दूरबीन विधि से आपरेशन दोनो उपयोगी है। जैसा मर्ज होगा, उस तरह से आपरेशन किया जाएगा। इसी हॉस्पिटल के डॉ। दिनेश राहत ने कहा कि प्रोस्टेट का ऑपरेशन करते समय कई बार इस प्रकार की स्थित उत्पन्न होती है की सर्जन को ओपेन पद्धति का इस्तेमाल करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि इस वर्कशॉप से मरीजों को काफी लाभ प्राप्त होगा। यूरोलाजी विभाग के एचओडी डॉ। दिलीप चौरसिया ने प्रोस्टेट के इलाज में लोगों को अवेयर रहने की अपील की। वर्कशॉप में दो ओपेन, तीन दूरबीन विधि व चार लेजर विधि से सर्जरी का सजीव प्रसारण किया गया। इस दौरान कुल नौ सर्जरी हुई। वहीं रोबोटिक सर्जरी का सजीव प्रसारण नहीं, बल्कि जानकारी एक आपरेशन की रिकार्डिंग दिखाई गई।