प्रयागराज (ब्यूरो)।शहर में मकान मालिकों के लिए शनिवार को नगर निगम से एक अच्छी खबर निकल कर सामने आई। खुशखबरी यह है कि जल कर और सीवर के मल शुल्क पर लगे ब्याज को माफ कर दिया गया है। वर्षों से दोनों टैक्स के बकाए पर जुड़ रहे ब्याज पर ब्याज से भवन स्वामियों पर काफी बकाया हो गया था। मूल कर पर ब्याज अधिक चढ़ जाने के कारण लाखों मकान मालिक परेशान थे। रकम इतनी ज्यादा हो गई थी कि उसे जमा कर पाना लोगों के लिए मुश्किल हो रहा था। शहर वासियों की इस समस्या को देखते हुए महापौर उमेश चंद्र गणेश केसरवानी ने बड़ा फैसला लिया।

उन्होंने निर्देश दिए हैं कि जलकल और सीवर शुल्क पर लगाए गए सारे ब्याज को माफ कर दिया जाय। महापौर के इस निर्णय का लाभ शहर के 1.40 लाख भवन मालिकों को मिलेगा। गौर करने वाली बात ये है कि यह सुविधा जलकल विभाग की ओर से 30 सितंबर 2023 तक ही दी जाएगी

1.40
लाख भवन मालिकों को मिलेगा जल व सीवर कर के ब्याज में छूट का लाभ
30
तीन जून से 30 सितंबर तक ही लोगों को मिलेगी छूट की सुविधा
70
करोड़ के आसपास है सीवर और जलकर को मिलाकर बकाया
07
करोड़ रुपये का होगा पब्लिक को फायदा और जलकल को घाटा

-जल व सीवर कर पर लगा सारा ब्याज माफ-

छूट के बाद सभी ने किया मूल कर जमा तो सात करोड़ रुपये का पब्लिक को होगा लाभ

चक्रवृद्धि ब्याज बनी हुई थी समस्या
नगर निगम एरिया में यानी शहरी क्षेत्र में भवन का टैक्स नगर निगम के द्वारा वसूल किया जाता है। जबकि जलकर एवं सीवर का शुल्क की वसूली जलकल विभाग द्वारा की जाती है। जलकल विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो शहर के अंदर पेयजल के करीब 2.10 लाख से भी अधिक कनेक्शन लोगों के घरों व प्रतिष्ठानों में हैं। जबकि सीवर के कनेक्शन 1.58 लाख के लगभग बताए जाते हैं। इनमें से करीब 60 हजार पेयजल व तकरीबन 40 हजार सीवर का कर लोग नियमित नहीं जमा कर रहे। जलकर बकाए के दस्तावेजों पर गौर करें तो करीब 1.40 लाख भवन मालिक ऐसे हैं जिनपर 70 करोड़ से भी ज्यादा का बकाया रजिस्टर में दर्ज है। बकाए की यह रकम सीवर और जलकर को मिलाकर है। जानकार कहते हैं कि बकाए की मूल रकम इतनी नहीं है। 70 करोड़ का बकाए सीवर व जलकर में सात करोड़ रुपये महज ब्याज के हैं। मूल कर के चक्रवृद्धि यानी व्याज पर व्याज जुड़ता गया और भवन मालिकों के ऊपर जल एवं सीवर के टैक्स का काया बढ़ता चला गया। शनिवार को महापौर के द्वारा अपने शहर के लोगों को इस बकाए कर में बड़ी राहत देते हुए सारे व्याज माफ करने के निर्देश दिए गए हैं। इस तरह जल एवं सीवर कर पर लगे गए व्याज की रकम माफ होने से जलकल विभाग को करीब सात करोड़ रुपये की राजस्व हानि होगी। क्योंकि यह वही रकम है जो व्याज के रूप में लोगों के ऊपर बोझ बना हुआ है।

जाने कैसे तय होती है दर
जल एवं सीवर कर के निर्धारण की एक प्रक्रिया है। सबसे पहले नगर निगम के द्वारा भवनों का मूल्यांकन किया जाता है। इसके बाद जलकर के रूप में 12.05 और सीवर कर 04 प्रतिशत की दर से लगाया जाता है। यही वह कर है जिसे भवन स्वामियों के द्वारा नियमित जमा नहीं किए जाने पर हर साल जलकल विभाग चक्रवृद्धि व्याज लगाता चला जाता है।

हमारा संकल्प है कि हम पब्लिक की उम्मीदों को यथा संभव टूटने नहीं देंगे। जलकर एवं सीवर कर पर लगे ब्याज से परेशान लोगों की शिकायतें बराबर मिल रही थीं। लोगों की इसी शिकायत को ध्यान में रखते हुए हमने जलकर एवं सीवर कर के मूल्य टैक्स पर लगाए गए सारे ब्याज को माफ कर दिया है। आगे भी हम जहां पब्लिक परेशान होगी इसी तरह से उस समस्या को भी दूर किया जाएगा।
उमेशचंद्र गणेश केसरवानी, महापौर प्रयागराज

तमाम लोग वर्षों से जल एवं सीवर का कर जमा नहीं कर रहे। इससे उनके ऊपर ब्याज पर ब्याज बढ़ता चला गया। इस वित्तीय वर्ष में यदि सीवर व जलकर सभी जमा कर दें इसलिए ब्याज को माफ करने का निर्णय लिया गया है। यदि इस निर्णय के बाद सभी लोग बकाया जमा कर दिए तो उन्हें छूट के रूप में कुल मिलाकर सात करोड़ रुपये का लाभ मिलेगा।
कुमार गौरव, महाप्रबंधक जलकल