प्रयागराज (ब्यूरो)। सुबह से आग बुझाने के लिए शुरू हुआ रेस्क्यू आपरेशन शाम तकरीबन छह बजे तक चला। इस तरह लगभग 13 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। आग बुझाने में दर्जन भर से अधिक पुलिस व फायर ब्रिगेड के जवान जख्मी हो गए। चारों फ्लोर पर लगी आग में तमाम फाइलों व कई कम्प्यूटर एवं महंगे फर्नीचर जलकर राख हो गए। इस घटना में फिलहाल 50 लाख से भी अधिक के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है। पूरी घटना की जांच के लिए डीएम द्वारा देर शाम एक टीम गठित कर दी गई है। संडे होने की वजह से बिल्डिंग के अंदर लोग नहीं थे, लिहाजा इस घटना में कोई जन हानि की बात सामने नहीं आई।
09 मंजिला है महाधिवक्ता कार्यालय की बिल्डिंग
06 से लेकर 9-वें फ्लोर तक बिल्डिंग में लगी भीषण आग
5.35 बजे पुलिस व फायर ब्रिगेड को मिली आग की खबर
18 फायर टेंडर लगाने के बावजूद करनी पड़ी कड़ी मशक्कत
16 के करीब जवान आग बुझाने में कांच आदि लगन से हुए घायल
13 घंटे में तक जीजान से जूझने के बाद बुझाई जा सकी आग
50 लाख से भी ज्यादा के नुकसान का लगाया गया अनुमान
घटना के लिए जांच टीम गठित
महाधिवक्ता उत्तर प्रदेश उच्च न्यायालय इलाहाबाद के कार्यालय की बिल्डिंग को बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर भवन के नाम से भी जाना जाता है। रविवार को अवकाश होने की वजह से महाधिवक्ता कार्यालय सहित इस बिल्डिंग में अधिवक्ता व कर्मचारी नहीं थे। बताते हैं कि सुबह करीब साढ़े पांच बजे हाईकोर्ट सुरक्षा ड्यूटी में लगे पुलिस के जवानों की नजर इस बिल्डिंग पर पड़ी। बिल्डिंग के छठे फ्लोर से निकल रहे धुएं के गुबार को देखते ही जवान दौड़ पड़े। फौरन उनके जरिए जानकारी फायर ब्रिगेड सिविल लाइंस को खबर दी गई। वायरलेस पर महाधिवक्ता कार्यालय की बिल्डिंग में आग की खबर सुनते ही जिले के प्रशासनिक गलियारे में हड़कंप मच गया। फायर टेंडर के साथ जवान आग बुझाने के लिए फौरन पहुंच गए। देखते ही देखते आग छठवे फ्लोर से सातवें, आठवें व 9-वें फ्लोर तक जा पहुंची। यह देखते हुए अफसरों द्वारा झूंसी, नैनी, हंडिया, कोरांव, मेजा और सोरांव फायर स्टेशन से भी जवान व फायर टेंडर की गाडिय़ां बुला ली गईं। बिल्डिंग में चारों तरफ से ग्लास लगे होने के कारण अंदर जाने का एक मात्र रास्ता सीढिय़ां ही थीं। ऐसी स्थिति में सभी स्टेशनों से फायर टेंडर व जवानों के पहुंचने के बावजूद आग बुझाना मुश्किल हो रहा था। आग की भीषणता को देखते हुए पड़ोसी जनपद कौशाम्बी व सेना के फायर टेंडर भी बुला लिए गए। इस तरह बिल्डिंग में लगी इस आग को बुझाने में कुल 18 फायर टेंडर व दर्जनों जवानों को लगा दिया गया। आग बुझने में रोड़ा बन रहे ग्लास को कुछ स्थानों पर जवानों द्वारा किसी तरह तोडऩे की कोशिश की गई। दो से तीन जगह शीशा टूटते ही अंदर भरा धुएं का गुबार बाहर की तरफ अचानक फोर्स के साथ निकले लगा। इसकी जद में आए करीब आधा दर्जन जवानों का आक्सीजन लेवल डाउन हो गया। इससे वह उन्हें चक्कर आने लगा। आग के सोलों से भरे कमरों का शीशा टूटते ही चिटक कर दर्जन भर जवानों के हाथ में जा लगा। इससे वह जवान भी घायल हो गए। इनमें किसी का इलाज और मरहम पट्टी बेली तो कुछ का एसआरएन हॉस्पिटल में कराया गया। उपचार बाद ठीक होते ही फिर वह जवान आग बुझाने में जुट गए। आग बुझाने में सफलता नहीं मिलते देख अफसरों को पॉवर प्लांट से भी हाईड्रोलिक मशीन को मंगाना पड़ा। किसी तरह 6-वें, 7-वें, 8-वें फ्लोर की आग पर दोपहर एक बजे तक जवानों ने काबू पा लिया। मगर, 9-वें फ्लोर पर लगी आग को बुझाने में जवानों के दांत खट्टे हो गए। कड़ी मशक्कत और परिश्रम के बाद शाम करीब छह बजे 9-वें फ्लोर पर लगी आग पर काबू पाया जा सका। बिल्डिंग में आग लगने का कारण देर रात तक स्पष्ट नहीं हो सका। एक अनुमान के मुताबिक चारों फ्लोर के कमरों में रखी हजारों फाइलें व करीब 50 कम्प्यूटर एवं लाखों के फर्नीचर आदि जलकर राख हो गए। घटना में लगभग 50 लाख से भी अधिक के नुकसान का अनुमान मौजूद लोगों व जवानों के द्वारा लगाया गया।
आग लगने की घटना अप्रत्याशित है। उसकी जांच कराई जा रही है। रिपोर्ट आने पर ही कुछ कह पाना संभव होगा। तबीयत ठीक नहीं होने के कारण मैं घर पर हूं। ठीक होने के बाद खुद नुकसान का आंकलन करुंगा। मुख्य न्यायाधीश से मिलकर जली हुई फाइलों को हाईकोर्ट से उपलब्ध कराने का आग्रह करुंगा।
अजय कुमार मिश्र, महाधिवक्ता
आग लगने का कारण जानने के लिए डीएम के द्वारा जांच टीम गठित की गई है। आग कई फ्लोर तक फैल गई थी और पूरी तरह से बिल्डिंग कवर्ड भी थी। इससे बुझाने में वक्त लगा और 18 फायर टेंडर लगाना पड़ा। पड़ोसी जनपद व सेना तक के फायर टेंडर को लगाया गया था।
शैलेश कुमार पांडेय, एसएसपी प्रयागराज