प्रयागराज (ब्‍यूरो)। श्री स्वामी नरोत्तमानन्द गिरि वेद विद्यालय में श्रावणी उपाकर्म एवं सामूहिक उपनयन संस्कार आयोजित हुआ। परमानन्द आश्रम परिसर स्थित लक्ष्मी नारायण मन्दिर में वेदयाध्ययन के लिए नव-प्रवेशित छात्रों प्रबल देव मिश्र, किशन पाण्डेय, विश्वास, आरव शुक्ल, बृजदेव शुक्ल, कुशल शुक्ल आदि का सामूहिक उपनयन संस्कार हुआ और इसी के साथ उन्हें वेदयाध्ययन का अधिकार प्राप्त हुआ।

उपनयन से पहले मुण्डन संस्कार
उपनयन संस्कार से पूर्व सभी बटुक बालकों का मुण्डन संस्कार किया गया। इसके बाद सभी बटुक बालकों और उनके माता पिता को पंचगव्य प्रासन्न करवाया गया और विधिपूर्वक उपनयन धारण कराके वेद आरंभ कराया गया। आश्रम के महंत स्वामी विद्याधीशानन्द गिरि ने अपने संदेश में कहा कि यह संस्था वेदों के संरक्षण, सनातन धर्म व आध्यात्म के संवर्धन एवं भारतीय संस्कृति की पताका पूरे विश्व में फहराने का कार्य कर रही है। जीवन को सद्मार्ग पर लेकर जाने और लगन, परिश्रम से ज्ञान अर्जित कर नि:स्वार्थ सेवा की भावना हम वेद-उपनिषद् से प्राप्त कर सकते हैं, क्योंकि अक्षर ब्रह्म की कृति प्रतिकृति होकर सभी बुद्धिजीवियों एवं ज्ञान प्राप्त करने वालों के लिए विद्या की मनीषा का मूल केंद्र वेद ही है। ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद एवं अथर्व वेद में नाद ब्रह्म समाया हुआ है।

उपाकर्म का मतलब है प्रारंभ
स्वामी शरद पुरी ने बताया कि उपाकर्म का अर्थ है प्रारंभ करना। वैदिक काल में यह वेदों के अध्ययन के लिए विद्यार्थियों का गुरु के पास एकत्रित होने का काल था। श्रावण शुक्ल पक्ष पूर्णिमा के शुभ दिन रक्षाबंधन के साथ ही श्रावणी उपाकर्म का पवित्र संयोग बनता है। ऋषियों ने संस्कृत में विविध ग्रंथों को सहेजा है, इसलिए ऋषि परंपरा के सम्मान स्वरूप श्रावण पूर्णिमा को संस्कृत दिवस के लिए चयन किया गया। प्राचार्य वेदमूर्ति ब्रजमोहन पाण्डेय, खेमलाल न्योपाने, जीवन उपाध्याय, गौरवचन्द्र जोशी, शिवानन्द द्विवेदी, अंजनी कुमार सिंह, कृष्ण कुमार मिश्र, अवनि सिंह, अजय मिश्र आदि मौजूद रहे।

रामलीला के लिए कलाकारों का चयन 25 को
श्री पथरचट्टी रामलीला कमेटी की ध्वनि एवं प्रकाश केमाध्यम से मंचित होने वाली रामलीला कथा रामराज की में अभिनय के इच्छुक कलाकारों के चयन की प्रक्रिया रविवार 25 अगस्त को प्रारम्भ होगी। प्रक्रिया में सम्मिलित कलाकारों का व्यक्तित्व, उनकी भावाभिव्यक्ति और, संवाद अदायगी का तरीका आदि प्रमुख विन्दु होंगे। चयन में उन कलाकारों को प्राथमिकता दी जाएवी जो नाटकों या थिएटर के कार्यक्रमों में भाग लेने का अनुभव रखते हैं। सूचना कमेटी के प्रवक्ता मीडिया प्रभारी लल्लूलाल गुप्त सौरभ ने दी है।