प्रयागराज ब्यूरो । संयुक्त युवा मोर्चा के आवाहन पर गांधी जयंती के मौके पर युवाओं ने सामूहिक उपवास कर रोजगार अधिकार के लिए आवाज बुलंद की। युवा मंच के बैनर तले हुए धरना प्रदर्शन व उपवास में शामिल युवाओं ने कहा कि लोक सभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पहले प्रदेश में रिक्त 6 लाख पदों को भरने के लिए विज्ञापन जारी किया जाना चाहिए। ऐसा नहीं हुआ तो युवा भी अपने स्तर पर फैसला लेंगे जिसका खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ सकता है। धरना प्रदर्शन के उपरांत राष्ट्रपति व मुख्यमंत्री को संबोधित मांग पत्र सौंपे गए।
संयुक्त युवा मोर्चा का आह्वान
उपवास व धरना प्रदर्शन का नेतृत्व संयुकत युवा मोर्चा के केंद्रीय टीम के सदस्य राजेश सचान, युवा मंच अध्यक्ष अनिल सिंह, ई। राम बहादुर पटेल ने किया। राष्ट्रपति को भेजे गये ज्ञापन में युवाओं ने कहा है कि बेरोजगारी की समस्या चिंताजनक स्तर पर है। केंद्र सरकार इसका समाधान देने के लिए गंभीर नहीं है। उन्होंने रोजगार अधिकार कानून बनाने के साथ देश में रिक्त एक करोड़ और उत्तर प्रदेश में रिक्त छह लाख पदों को भरने की मांग उठायी। मुख्यमंत्री को प्रेषित ज्ञापन में 6 लाख रिक्त पदों को भरने की चुनावीं घोषणा को अमल में लाने के अलावा शिक्षा सेवा चयन आयोग का तत्काल गठन करने, टीजीटी पीजीटी विज्ञापन 2022 में रिक्त 25 हजार सहित तदर्थ के पदों को शामिल करने, टीजीटी -पीजीटी व असिस्टेंट प्रोफेसर समेत सभी की परीक्षा तिथि घोषित करने और एलटी व प्रवक्ता (जीआईसी), प्राथमिक विद्यालयों, पुलिस, तकनीकी संवर्ग समेत अन्य भर्तियों के सभी रिक्त पदों को तत्काल विज्ञापित करने का मुद्दा उठाया गया।

एयू के छात्रों का मुद्दा भी उठा
नागरिक समाज के संयोजक विनोद तिवारी व संघर्ष वाहिनी के विभूति विक्रम सिंह ने उपवास में शामिल होकर रोजगार आंदोलन का समर्थन किया। इविवि में छात्रों के बर्बर दमन पर रोक लगाने व छात्रों को जेल से रिहा करने की मांग भी उठाई गई। इसके अलावा माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अधिनियम 1982 की धारा 21 व 18 को शिक्षा सेवा चयन आयोग में शामिल करने का भी मुद्दा उठाया गया। सामूहिक उपवास में संयुक्त युवा मोर्चा के केंद्रीय टीम सदस्य राजेश सचान, युवा मंच अध्यक्ष अनिल सिंह, ई। राम बहादुर पटेल, एयू के छात्र नेता अमित द्विवेदी आजाद, पीएमसी सदस्य शीतला प्रसाद ओझा, साधना पटेल, रावेन्द्र कुमार, संजय कुमार चौरसिया, हनुमान प्रसाद चौरसिया, डॉ विनोद कुमार, सुरेंद्र कुमार, धर्मेंद्र पटेल, विजय मोहन पाल, बृजेश पटेल, दीपक चौधरी, रमाशंकर सरोज, विनोवर शर्मा, प्रेम चंद्र पटेल समेत सैकड़ों युवा शामिल रहे।

प्रतियोगितों की मांग
सरकारी विभागों में आउटसोर्सिंग व कांट्रैक्ट इम्प्लायमेंट व्यवस्था खत्म की जाय
रेलवे-बैकिंग, शिक्षा-स्वास्थ्य, बिजली-कोयला जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में निजीकरण पर रोक लगे
रोजगार सृजन के लिए कारपोरेट्स पर संपत्ति व उत्तराधिकार कर लगाया जाय
एलटी व पुलिस समेत अन्य भर्तियों में 3 साल की उम्र सीमा में छूट दी जाय
सभी लंबित भर्तियों को आचार संहिता लागू होने के पहले पूरा किया जाय
कोर्ट में पेंडिंग प्रकरणों के त्वरित निस्तारण के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन हो

यूपी सरकार नए आयोग के नाम पर प्रतियोगियों को 4 महीने से फंसाए हुए है। न तो कोई वेकेंसी दे रही है और न ही जिन वेकेंसी का एग्जाम लंबित है उसे ही करा रही है। यूपी के प्रतियोगी परेशान हैं और दूसरे राज्य में नौकरी की आशा में भटक रहे हैं।
जितेंद्र यादव, अध्यक्ष
यूपी टीजीटी एंड पीजीटी जीवविज्ञान संघर्ष मोर्चा