प्रयागराज (ब्‍यूरो)।
2020 पांच जनवरी को एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या सोरांव थाना क्षेत्र के यूसुफपुर गांव में हुई थी। गांव निवासी विजय शंकर तिवारी, उसकी पत्नी सोनी व बेटा सोनू और मासूम बच्चे कान्हा और कुंज को कातिलों ने मौत के घाट उतार दिया था। मामले में परिवार के ही करीब छह लोग नामजद किए गए थे। उस वक्त जिले के एसएसपी रहे सत्यार्थ अनिरुद्ध थे।

2020 में ही दो जुलाई को होलागढ़ थाना क्षेत्र के बरई हरखपुर गांव के शुकुलपुर मजरा निवासी विमलेश पांडेय व उनके बेटे एवं बेटी श्रेया व शीबू की धारदार हथियार से हत्या कर दी गइ्र1 कातिलों ने विमलेश की पत्नी ऊषा को मरणासन्न कर दिया था। इस मामले में पुलिस छेमार गैंग के बदमाशों को पकड़कर जेल भेजा था।

2018 में 19 मार्च को भी नवाबगंज इलाके में ऐसी घटना हुई थी। क्षेत्र के शहावपुर उर्पु पसियापुर गांव में सुशीला देवी व उसके दो बेटे सुनील व अनिल की नृशंस हत्या की गई थी। इस घटना से उपजी आक्रोश की चिंगारी काफी दिनों तक सुलगती रही। पुलिस एक रिश्तेदार को ही गिरफ्तार करके फाइल क्लोज कर दी थी।

2018 में ही सात सितंबर की रात बिगहियां गांव में सरकारी कर्मचारी कमलेश देवी, व उसकी बेटी एवं दामाद प्रताप नारायण के साथ नाती विराट की भी नृशंस हत्या हुई थी। एक महीने बाद पट्टीदार व रिश्तेदार को हत्यारोपित बनाकर जेल भेजा गया था। पुलिस के इस खुलासे पर कई तरह के सवाल उठे थे।

2017 में 23 अप्रैल को भी नवाबगंज के ही शहावपुर गांव में मक्खन गुप्ता व उसकी पत्नी मीरा देवी, बेटी बंदना व निशा की सामूहिक हत्या की गई थी। इस मामले में डिप्टी सीएम तक मौके पर पहुंचे थे। पुलिस ने गांव के पांच लोगों को जेल भेज दिया था। बाद में सही मुल्जिम हाथ लगे तो बेगुनाह को जेल भेजने के मामले में पुलिस की भद्द पिटाई थी।

2017 के मार्च महीने में थरवई के पडिला महादेव मंदिर पर शिवरात्रि मेला के दौरान राजस्थान से आए दंपत्ति व उसकी बेटी को जिंदा जलाकर हत्या कर दी गई थी। दंपति यहां अक्सर आकर मेला में गुब्बारा व खिलौने आदि बेचने का काम किया करता था। कई महीने बाद पुलिस दो अभियुक्तों को गिरफ्तार करके खुलासा की थी।

2021 में 25 नवंबर की रात में फाफामऊ के गोहरी गांव में एक ही परिवार के चार लोगों की धारदार हथियार से हत्या की गई थी। मारे गए लोगों में फूलचंद्र, उसकी पत्नी मीनू व दस साल का बेटा शिव एवं 17 वर्षीय बेटी भी शामिल थी। मामले में रेप जैसी आशंका भी जताई गई थी। मोबाइल कनेक्शन के आधार पर प्रकरण का खुलासा किया तो खुद ही सवालों में घिर गई थी। यह खुलासा खुद एडीजी की मौजूदगी में हुआ था।