प्रयागराज (ब्यूरो)। इस अवसर पर स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत करने वाले प्रथम शहीद मंगल पांडे के प्रपोत्र भगवान पांडे जी का सम्मान जस्टिस सुधीर नारायण ने किया। भगवान पांडे ने अपने जीवन के अनुभव साझा किए। अशिमा सिंह ने पुस्तक लिखने के संबंध में कहा कि उन्हें सदैव यह लगता रहा इतिहास इतिहास का पुनर्गठन की आवश्यकता है मैंने अपनी इस पुस्तक में उन घटनाओं को समेटने की कोशिश की है जिनका जिक्र इतिहास में नहीं हुआ या बहुत कम हुआ। प्रोफेसर हेरम्ब चतुर्वेदी ने पुस्तक की समीक्षा करते हुए कहा कि आशिमा जी ने भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के विस्तार को शब्दों में समेटने का एक दुष्कर कार्य किया है.दिल्ली से आए अंतिम मुगल शासक शाह जफर के प्रपौत्र फैजुद्दीन खान ने आशिमा जी को उनकी इस कृति के लिए बधाई देते हुए कहा कि यह एक बहुत महत्वपूर्ण पुस्तक प्रकाशित हुई है जिसमें इतिहास से जुड़ी सच्ची घटनाओं का जिक्र है। कार्यक्रम की अध्यक्षता हिंदुस्तानी एकेडमी के अध्यक्ष डॉ उदय प्रताप सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन डॉ शान्ति चौधरी ने और संचालन संजय पुरुषार्थी ने किया। इस अवसर पर बस्ती की राजमाता आशिमा सिंह उनके पुत्र बस्ती राजा ईश्वर सिंह, नंदिता सिंह, इं। श्वेता सिंह, डॉ आशुतोष चौधरी, डॉ श्वेता चौधरी और डॉ आस्था चौधरी, पार्षद आनन्द घिल्डियाल ने विशेष सहयोग दिया।