प्रयागराज ब्यूरो । दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट की टीम ने तमाम व्यापारियों से इस बाबत बातचीत की। व्यापारियों ने बताया कि डिवाइडर के चलते उनके बिजनेस की वॉट लग रही थी। इसलिए थोड़ी-थोड़ी दूर अपने हिसाब से लोगों ने कट बना दिया। हर दिन छोटे कट के बाद बड़ा कट तक बना दिए है। जहां से लोग अपनी गाड़ी तक निकालने का प्रयास करते है। जिसके चलते आए दिन जाम लगता है। नेहरु पार्क के पास चार, प्रीतम नगर मोड समीप तीन, जयंतीपुर मोड समीप तीन, शेरवानी मोड दो और कन्हईपुर मोड के पास दो बड़े कट बना दिए है। वहीं इन रास्ते पर छोटे कट न जाने कितना होंगे। एक तरह से कहां जाये तो हर दस कदम पर एक छोटा कट जरूर मिल जाएगा। यहां रहने वाले लोग बताते है कि डिवाइडर बनाते वक्त यहां कोई कट नहीं थे, कई ऐसे स्थानों पर डिवाइडर तोड़कर लोग रोड पार करने का रास्ता बना रखे हैं। यह स्थिति किसी भी दिन सिटी के अंदर बड़ी घटना का कारण बन सकता है।
मेन रोड पर कट होने से वाहन चालकों की फजीहत
आलम यह है कि सुबह के समय स्कूली बच्चे सबसे ज्यादा कट के रास्ते को प्रयोग कर रहे हंै। बेखौफ होकर लोगों द्वारा हाईवे के डिवाइडर में बनाए गए कट से आवागमन कर रहे हैं। स्थिति इतनी खतरनाक है कि कभी भी यह कट किसी के जीवन की डोर काट सकते हैं। गौर करने वाली वाली बात यह है कि इस कट को बनाते वक्त जिम्मेदारों के जरिए खतरे का अनुमान ठीक से नहीं लगाया गया। इन रोड पर वाहन चलाने वाले लोग बताते है कि कब कौन और कहां से जाये कोई नहीं जानता है। अब इस कट से लोग बगैर आगे पीछे देखे गाडिय़ों को एक से दूसरे लेन पर लेकर चले जाते हैं। इसी कट से होकर लोकल लोग व तमाम छात्र साइकिल और पैदल रोड पार करते हैं। पूछताछ में कुछ दुकानदारों ने बताया कि हाईवे के डिवाइडर पर इस तरह के कट कुछ स्थानों पर लोग खुद बना रखे हैं।
दस कदम चलने से बेहतर जोखिम
कट पसंद
स्थानीय लोगों से बातचीत में यह भी निकल कर सामने आया है कि उनको दस कदम चलने से कई गुना खतरनाक कट से निकलना पसंद करते है। जब कभी ज्यादा लोगों को एक साथ निकलना होता है तो पहले दो आदमी राइट और लेफ्ट खड़े होते है। गुजरने वाले वाहनों का रोका जाता है। फिर लोग पैदल गुजरते हैं।
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किलोमीटर की दूरी में पचास से अधिक छोटे कट
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से अधिक है बड़े कट जिनसे निकाला जाता है चार पहिया वाहन
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की रफ्तार से भी कम स्पीड में चलाना पड़ता है वाहन
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जगह पर डिवाइडर हटाकर आड़ा-तिरछे तरीके से है रखे
आम आदमी दुकान तक नहीं पहुंच पाता है। प्रशासन की सहमति से हटाया गया है। कुछ जगहों पर जो छोटा-मोटा किसी ने बिना इजाजत तोड़ दिया हो वह अलग बात है। बिजनेस पर असर पड़ा रहा था।
हर्ष यादव, समाजसेवक
19 फरवरी को व्यापारियों ने पूरी तरह से बंद कर दिए कट को लेकर धरना- प्रदर्शन किया गया था। जिसके बाद कुछ जगहों से डिवाइडर के हिस्से को हटाया गया था। कट न होने के चलते कोई डिवाइडर कूदकर दुकान तक आना से बच रहे थे।
सचिन केशरवानी, व्यापारी
जगह-जगह बेवजह कट खतरनाक तो है ही। मात्र तीन जगहों पर डिवाइडर हिस्सा हटाया गया था। लेकिन आज की डेट में दो दर्जन से अधिक डिवाइडर के हिस्से को तोड़ दिया गया है। या फिर हटाकर आड़ा-तिरछे तरीके से कर दिया गया है।
अंकित जायसवाल, स्थानीय
आपका यह अभियान काफी अच्छा और सराहनीय है। प्रशासन के साथ पब्लिक को भी जागरूक होना पड़ेगा। क्योंकि जगह-जगह पर कट होने से आदमी अचानक देखकर घूम जाता है। वहीं पीछे से आ रही गाड़ी से हादसा होना स्वाभाविक है।
- महेश शुक्ला, व्यापारी