प्रयागराज (ब्यूरो)सट्टेबाजी व कर्ज देने वाले एप के जरिए शातिर जिले के लोगों को लूटने का काम कर रहे हैं। शहर से गांव तक इस एप के झाल में ज्यादातर यूथ फंसा हुआ है। लुटने या ठगी का शिकार होने के बाद लोगों के द्वारा दर्जनों शिकायतें की गई हैं। इन शिकायतों की जांच साइबर थाना व साइबर सेल के एक्सपर्ट कर रहे हैं। पांच हजार का लोन देकर बीस हजार रुपये की वसूली वह भी धमकी देकर की जाती है। परेशान लोगों की शिकायत पर शातिरों तक पहुंचने के लिए एक्सपर्ट दिन रात जूझ रहे हैं। एक्सपर्ट कहते हैं कि ऐसे ही 232 चीनी एप पर सरकार द्वारा रोक लगा दी गई है। इससे गेम की आड़ में ऑनलाइन सट्टेबाजी व ऋण के नाम पर होने वाली ठगी में कमी आएगी। साइबर एक्सपर्ट की मानें तो इस प्रतिबंध के बाद भी लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। क्योंकि शातिर अपनी हरकत से बाज नहीं आएंगे। प्रतिबंधित चीनी एप से एक तरह की लूट कर रहे शातिर दूसरे रास्तों की तलाश जरूर करें।

सट्टा वाले गेम से दूरी ही है बेहतर
ठगी करने वाले इस तरह के एप से शातिर लोगों को पहले लाखों रुपये जीतने की लालच देते हैं। इसका प्रचार प्रसार सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर खूब किया जाता है। लालच में आकर लोग खासकर युवा वर्ग इस एप से जुड़ जाता है। जुडऩे वाले युवाओं को शुरुआती दौर में जीतने के नाम पर चंद रुपये दे देते हैं। फिर युवा इस सट्टे के गेम में रुपये लगाते जाते हैं। परिणाम अंत में यह होता था कि युवा मोटी रकम हार जाते हैं। ऐसे सट्टेबाजी वाले एप के शिकार करीब दो तीन दर्जन से अधिक शिकायतें साइबर थाने में पहुंची हैं। पिछले वर्ष इस अपराध से जुड़ी करीब दर्जनों शिकायतें साइबर सेल को भी मिली हैं। प्राप्त इन शिकायतों की जांच में जुटे साइबर एक्सपर्ट शातिरों की तलाश में हैं। चार दर्जन से अधिक मामलों को एक्सपर्ट निस्तारित कर चुके हैं। शातिर तो नहीं मिले पर लोगों के रुपये वापस करा दिए गए।

ऐसे करते हैं धमकी देकर वसूली
साइबर एक्सपर्ट कहते हैं कि कर्ज देने वाले वाले एप की बाढ़ सी आ गई थी। साइबर ठग लोगों को ऋण के नाम पर तत्काल पांच से दस हजार रुपये दे दिया करते हैं।
इसके पंद्रह बीस दिन के बाद वह कॉल करके रुपये व्याज सहित ऋण में दिए गए रुपयों को दो से तीन गुना वापस करने का दबाव बनाते हैं।
इतना अधिक ब्याज देने से इंकार करने पर ऋण लेने वालों को शातिर बदनाम करने, सोशल मीडिया से फोटो निकाल कर एडिट करके वायरल करने की धमकी दिया करते हैं।
इस साइबर थाने व साइबर सेल को मिला कर देखा जाय तो पिछले वर्ष इस तरह की करीब करीब करीब दो सौ शिकायतें प्राप्त मिली हैं।
कर्ज लेने वाले कुछ लोगों की डिपी से फोटो निकालकर उसे एडिट करके वायरल किए जाने की भी शिकायतें की गई हैं।
एक्सपर्ट कहते हैं कि सट्टेबाजी व कर्ज देने वाले 232 एप पर प्रतिबंध लगने के बाद ऐसी घटनाओं में कमी आएगी।
हालांकि ऐसा बहुत दिनों तक नहीं रह पाएगा। क्योंकि साइबर शातिर शांत नहीं बैठेंगे।
वह ठगी का कोई न कोई रास्ता जरूर निकालने की कोशिश करें। इस लिए वह लोगों को सतर्क रहने की सलाह देते हैं।

कर्ज देने व सट्टेबाजी वाले एप के शिकायत तमाम लोगों की शिकायतें साइबर सेल में आई हैं। इनमें से कइयों मामलों को एक्सपर्ट के जरिए हल कराया जा चुका है। ऐसे चीनी एप लगाए गए प्रतिबंध से केस कम होंगे। साइबर शातिर ठगी के दूसरे तरीके जरूर तलाशने की कोशिश करेंगे। इसलिए लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है।
सतीशचंद्र, एडीसीपी क्राइम