प्रयागराज (ब्यूरो)। पब्लिक को जाम से निजात दिलाने के लिए सिटी में कई जगह फ्लाई ओवर ब्रिज बनाए गए। इस ब्रिज के निर्माण होने से ट्रैफिक तो स्मूथ हुई, मगर कुछ नई समस्याएं क्रिएट हो गईं। ब्रिज की बाउंडी ऊंची नहीं होने से पतंग का मांझा यात्रियों के लिए खतरा बन गया। ब्रिज पर टूट कर लटक रहे मांझा से लोग घायल होने लगे। काफी बारीक होने के चलते यह मांझा यात्रियों को दिखाई भी नहीं देता। लिहाजा लोग चाहकर भी इससे सेफ नहीं रह पाते थे। ऐसी स्थिति में इस मांझा से बाइक व साइकिल चालकों के चेहरे, हाथ और गले कटने लगे। इतना ही नहीं इस ब्रिज से कूद कर सुसाइड करने या गिरने जैसी घटनाएं भी सामने आने लगीं। शहर में इस फ्लाई ओवर से क्रिएट हुई समस्या को लेकर सरकार गंभीर हो गई। आखिरकार इन घटनाओं से पब्लिक को सेफ करने का प्लान और तरीका सरकार ने खोज निकाला।
मजबूत और आकर्षक है शीट
प्लान के तहत सिटी के फ्लाईओवर ब्रिज की बाउंड्री पर पोलो कार्बोनेट शीट लगाने का डेंटर हुआ। राजस्थान में बनने वाली यह शीट काफी मजबूत और आकर्षक भी है। इसमें एक खासियत भी है कि रात में वाहनों की लाइट पडऩे पर रिफलेक्टर पट्टी की तरह चमकेगी। इससे रात में पुल से गुजरने वाले यात्री काफी अच्छा फील करेंगे। रामबाग फ्लाई ओवर पर लगाई जा रही यह शीट करीब एक मीटर से अधिक ऊंची। ऊंचाई और मजबूती के चलते कोई आसानी से इसे न तो लांघ सकेगा और न ही तोड़ पाएगा। ब्रिज पर इस शीट को लगाने के कारीगर दिल्ली से बुलाए गए हैं। रामबाग ब्रिज पर शीट लगाने का काम दिल्ली निवासी कासिम, अब्दुल्ला और शरीफ कर रहे हैं। साइड इंचार्ज आरिफ कहते हैं कि लगाई जा रही यह शीट कई मायने में पब्लिक को लाभ पहुंचाएगी।
चार ब्रिज पर लगेगी यह शीट
सेफ्टी के लिहाज से रामबाग फ्लाईओवर ब्रिज की तरह यह कार्बोनेट शीट तीन और पुल पर लगाए जाने हैं। रामबाग ब्रिज पर काम शुरू है। इसके साथ ही अलोपीबाग, एमएनआईटी और चौफटका ब्रिज की बाउंड्री पर भी इसे लगाए जाने का प्लान है। यह काम एक-एक ब्रिज पर बारी-बारी से कराया जाएगा। माना जा रहा कि ब्रिज पर इस शीट के लग जाने के काफी हद तक गिरने, कूदने या मांझा से यात्रियों के जख्मी होने जैसी दिक्कतें खत्म हो जाएंगी।
घरों की प्राइवेसी भी होगी मजबूत
सिटी में बनाए गए चारों फ्लाईओवर ब्रिज पर पोलो कार्बोनेट शीट लगने के बाद तमाम घरों व छतों की प्राइवेसी भी बढ़ जाएगी
दरअसल शहर में बनाए गए इन फ्लाईओवर ब्रिज के आसपास और सैकड़ों लोगों के मकान मौजूद हैं
ऐसे में फ्लाईओवर ब्रिज से आने जाने वालों की नजर आसानी से इन घरों की छतों व कुछ के कमरे तक में पड़ती थी
ऐसे में छत पर चाह कर भी लोग बैठने या लेटने से कतराने लगे थे। सबसे ज्यादा यह समस्या उक्त मकानों में रहने वाली महिलाओं को थी
मगर, अब फ्लाईओवर ब्रिज की बाउंड्री पर पोलो कार्बोनेट शीट के लग जाने के बाद उक्त मकानों के लोगों की यह समस्या भी समाप्त हो जाएगी
फ्लाईओवर ब्रिज पर मांझे से होने वाले हादसों पर अंकुश लगाने लिए पोलो कार्बोनेट शीट लगाई जा रही है। इससे दो पहिया वाहन चालकों की सुरक्षा तो होगी साथ में पुल की खूबसूरती भी बढ़ जाएगी। शीट पर पडऩे वाली रोशनी हर किसी को अकर्षित करेगी।
आर के सिंह,
सेतु निगम, सीपीएम