प्रयागराज ब्यूरो । यह टीम स्कूल-कॉलेजों में स्टूडेंट्स के मेंटल स्टेटस का जायजा लेेंगे और जरूरत पडऩे पर काउंसिलिंग और इलाज भी मुहैया कराएंगे। स्कूलों में क्या चल रहा है इसके बारे में टीम को जानकारी मनदूत और मनपरी देंगे। इनको स्कूलों में चयनित कर नियुक्त किया जाएगा। स्कूलों में एक नोडल टीचर भी तैनात होगा जो स्टूडेंट और टीम के बीच सामंजस्य बनाने के साथ सूचना के आदान प्रदान का भी काम करेगा।

किसलिए लिया इनीशिएवटि

स्कूलों में परीक्षाओं का दौर शुरू हो चुका है। जिसकी वजह से बच्चो और युवाओं पर पढाई का का दबाव बढ़ रहा हैं। जिसके कारण कई बार बच्चे डिप्रेशन का शिकार होकर गलत कदम भी उठा लेते हैं। ऐसे में मानसिक स्वास्थ्य कि टीम किस तरह से कार्य करे, इसकी चर्चा मंगलवार को एडी हेल्थ कार्यालय पर की गई। जिसमें कहा गया कि लोंगो में मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम कि जानकारी होना भी बहुत जरुरी हैं। मानसिक समस्याओं से ग्रस्त व्यक्ति के लिए एक टोल फ्र नंबर हो और वो नंबर हर स्वास्थ्य केंद्र पर लगा हुआ होना चाहिए।

दी जाएं ये सुविधाएं

मंडल के सभी जिला अस्पतालों में मोबाईल डी एडिक्शन सेंटर, मन कक्ष, स्कूल में सुसाइड प्रिवेंशन सेल, बनी होनी चाहिये। गुड टच, बैड टच पर कार्यशाला , स्कूल में मनदूत मनपरी चयनित हो जो अपने स्कूल में मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों पर बेहतर समझ के साथ ही स्कूल में इसके बारे में जानकारी भी दे सके। कुल 24 स्कूलों में कार्यक्रम चलाया जाना है। हर स्कूल से एक नोडल नामित होगा। इस अवसर पर अपर निर्देशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ केके वर्मा एवं संयुक्त डायरेक्टर डॉ वी.के मिश्रा, डॉ। राकेश पासवान सहित तमाम लोग उपस्थित रहे।