प्रयागराज ब्यूरो । प्रयागराज के धूमनगंज एरिया में बेखौफ बदमाशों ने सरेआम कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ायीं। तत्कालीन बसपा विधायक राजू पाल की सरेआम हुई हत्या के मुख्य गवाह उमेश पाल और उनकी सुरक्षा में तैनात गनर को गोली और बम से छलनी कर दिया गया। घटना में उमेश पाल और एक सरकारी गनर की मौत हो गयी है। एक अन्य गनर की हालत गंभीर है। उसे एसआरएन में भर्ती कराया गया है। राजू पाल हत्याकांड का आरोप माफिया पूर्व सांसद अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ पर लगा था। राजू पाल हत्याकांड में गवाही से रोकने के लिए उमेश पाल का अपहरण हुआ था। इसका आरोप भी अतीक एंड कंपनी पर लगा था। इस केस की सुनवाई फाइनल स्टेज पर है। अपहरण के ही केस में शुक्रवार को कोर्ट में सुनवाई थी। कोर्ट से निकलकर घर पहुंचे उमेश पाल और उनके गनर पर घर के बाहर पहले बम और फिर गोली से हमला किया गया। इस घटना को लेकर धूमनगंज इलाके में आक्रोश की लहर दौड़ गयी। नाराज लोगों ने एक वाहन में आग लगा दी। कई वाहनों में तोडफ़ोड़ की। पुलिस चौकी के बाहर आगजनी की। इसके अलावा एसआरएन अस्पताल में भी तोडफ़ोड़ की गयी। देर शाम को तीसरे गनर के भी दम तोड़ देने की सूचना आयी लेकिन पुलिस आयुक्त रमित शर्मा ने इसकी पुष्टि नहीं की है।
फुल प्रूफ योजना के साथ अंजाम दी घटना
जिस अंदाज में घटना को बदमाशों ने अंजाम दिया और फिर आराम से भाग निकलने में सफल हो गये, वह संकेत देता है कि हत्याकांड को फुल प्रूफ योजना के साथ अंजाम दिया गया है। उमेश पाल अपने अपहरण के मुकदमे की सुनवाई के लिए शुक्रवार को दिन में कोर्ट पहुंचे थे। उनके अधिवक्ता का कहना है कि सुनवाई फाइनल स्टेज में है। उमेश पाल खुद यहां करीब साढ़े चार बजे तक मौजूद रहे। इसके बाद वह घर जाना बताकर चले गये। देर शाम सामने आये घटना के फुटेज में जो कुछ दिखायी दे रहा था उसके मुताबिक हत्यारे योजनाबद्ध तरीके से सुलेम सराय में उमेश पाल के घर के बाहर उनका इंतजार कर रहे थे। उनकी गाड़ी घर के बाहर लगी और वह बाहर निकले इसके साथ ही हमला शुरू हो गया। बम फेंके जाने से धुएं का गुबार उठा और तेज आवाज गूंजी तो आसपास के लोग दहशत में आ गये। इसके बाद उमेश बाहर निकले तो उन पर फायरिंग शुरू कर दी गयी। बीच में उनका गनर संदीप निषाद सामने आया तो उस पर फायर झोंक दिया गया। दूसरे गनर राघवेन्द्र सिंह के साथ भी हत्यारों ने कोई मुरव्वत नहीं की। बीच में आया तो उस पर फायर झोंक दिया। गोली लगने के बाद भी उमेश घर की तरफ भागे तो बदमाशों ने उनका पीछा कर लिया। ताबड़तोड़ गोलियां बरसा रहे बदमाशों को देखकर कोई उनके सामने आकर विरोध करने की हिम्मत नहीं जुटा सका। घटना को अंजाम देने के बाद बदमाश भाग निकले।
प्राइवेट अस्पताल से एसआरएन रिफर
घटना के बाद परिवार वालों की चीख पुकार सुनकर आसपास के लोग जुट गये। उमेश को गोली मारे जाने की सूचना मिली तो आसपास के एरिया के लोग भी उसके घर के बाहर जुट गये। सुलेम सराय बाजार में दहशत फैल गई। आनन फानन में सभी घायलों को मुंडेरा के प्राइवेट अस्पताल में ले जाया गया। वहां के डॉक्टर्स ने हालत गंभीर होने को देखते हुए सभी को एसआरएन रिफर कर दिया। यहां पहुंचने के कुछ ही देर बाद उमेश पाल और संदीप निषाद को मृत घोषित कर दिया गया। उमेश की मौत की सूचना जंगल में लगी आग की तरह फैली तो पूरा धूमनगंज इलाका सन्नाटे में आ गया। उमेश पाल के समर्थक सड़क पर उतर आये। जो सुलेम सराय एरिया में था उसने सड़क पर उत्पात शुरू कर दिया। एक प्राइवेट को उन्होंने आग के हवाले कर दिया। इसके अलावा पुलिस की जीप, पैरा मिलिट्री फोर्स के वाहन को पथराव करके क्षतिग्रस्त कर दिया गया। रात नौ बजते बजते एसआरएन में भी सैकड़ों की संख्या में लोग जमा हो गये। उन्होंने भी तोडफ़ोड़ की कोशिश की।

धूमनगंज से लेकर एसआरएन तक बना पुलिस छावनी
उमेश पाल की मौत की सूचना के बाद पब्लिक के सड़क पर उतार जाने के चलते पुलिस एलर्ट मोड में आ गयी। खुद पुलिस आयुक्त रमित शर्मा डीएम संजय खत्री के साथ एसआरएन पहुंच गये। धूमनगंज एरिया और एसआरएन हॉस्पिटल को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया। एसीपी आकाश कुलहरि, कमिश्नर विजय विश्वास पंत, मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल एसपी सिंह के साथ अफसर नाराज लोगों को समझाने में लगी हुई थी।
घर के भीतर थी पत्नी और बच्चे
उमेश के परिवार में पत्नी जया पाल समेत चार बच्चे आदित्य, आरव, दिव्या और काव्या हैं। वारदात शाम पांच बजे के आसपास की है। घटना के समय परिवार के सभी सदस्य घर के भीतर मौजूद थे। उमेश पाल ने मेन सड़क से लेकर घर तक पहुंचने वाले हर रास्ते पर नजर रखने के लिए सीसीटीवी कैमरा लगवा रखा है। इस पर मूवमेंट भी हो रहा था लेकिन परिवार के लोगों ने सपने में भी नहीं सोचा था कि कुछ लोग काल बनकर घर के आसपास मूव कर रहे हैं। घटना के बाद पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज को चेक करना शुरू किया तो पूरा घटनाक्रम साफ दिख गया। शुक्रवार को सुलेम सराय की बाजार भी लगती है। इसलिए भीड़ भाड़ का फायदा उठाकर हमलावर भाग निकले। घटना के बाद एरिया में तनाव का माहौल बन गया। इसको देखते हुए भारी बल पुलिस तैनात कर दिया गया है। पुलिस सीसीटीवी फुटेज की मदद से हत्यारों का सुराग लगाने में जुटी रही।

धूमनगंज थाना क्षेत्र में पांच से साढ़े पांच बजे के करीब घटना की सूचना मिली। उनकी सुरक्षा के लिए दो गनर तैनात थे। उमेश के अलावा इन दोनों को भी गोली लगी है। घटना उमेश के घर के बाहर ही हुई है। परिवार वालों से पूछताछ में पता चलेगा कि कुल कितने हमलावर थे। आठ से दस टीमें लगा दी गयी हैं।
रमित शर्मा
पुलिस आयुक्त, प्रयागराज

उमेश के अपहरण के मामले में सुनवाई फाइनल स्टेज पर है। आज भी सुनवाई थी। इसमें शामिल होने के लिए वह खुद भी कोर्ट में हम लोगों के साथ मौजूद थे। शाम साढ़े चार बजे के करीब वह यहां से घर जाना बताकर निकले थे। थोड़ी ही देर बाद कॉल किया तो भांजे ने बताया कि मामा को गोली लग गयी है और हम उन्हें अस्पताल ले जा रहे हैं। अपहरण के केस में भी वह मुख्य गवाह थे
विक्रम सिनहा
अधिवक्ता, उमेश पाल