प्रयागराज (ब्यूरो)। मलेरिया विभाग का कहना है कि जिस साल डेंगू फैलता है उसके अगले साल केसेज कम आते हैं। यह ट्रेंड पिछले कई सालों से चलता आ रहा है। इसके पीछे कारण भी बताए जा रहे हैं। अधिकारियों की माने तो बॉडी में डेंगू की एंटीबॉडी बन जाने के बाद अगले एक साल तक मच्छर के डंक का असर नही होता है। बशर्ते डेंगू के वायरस में बदलाव न हो। आंकड़ों पर जाएं तो 2017 में डेंगू के 318 केस आए थे और इसके बाद 2018 में 830 मामलों ने दस्तक दी थी। पुन: 2020 में 57 केस मिले थे और फिर 2021 में 1299 डेंगू संक्रमित सामने आए थे। इसलिए 2022 में डेंगू अधिक प्रकोप नही फैला सकेगा।

डेंगू के पसंदीदा टॉप फाइव एरिया

वैसे वर्तमान में डेंगू शहर के तमाम एरिया में फैला हुआ है। लेकिन टॉप फाइव एरिया में इसने अधिक कहर बरपाया है। जिनमें सबसे आगे तेलियरगंज है, यहां पर अब तक 13 केस मिल चुके हैं। दूसरे नंबर पर नैनी में 9 केस, मऊसरैया में 8 केस, जार्जटाउन में 7 और धूमनगंज एरिया में अब तक 4 केस मिल चुके हैं। यहां पर एंटी लार्वा ड्राइव और फागिंग कराने के बावजूद संक्रमितों की संख्या कम नही हो रही है।

फिर मिले 11 डेंगू के मरीज

शनिवार को डेंगू के 11 नए मरीज सामने आए हैं। यह सभी जार्जटाउन, तेलियरगंज, धूमनगंज, मुुंंडेरा, भावापुर, टैगारेटाउन, अशोक नगर, लीडर रोड, कौंधियारा, चाका में मिले हैं। वर्तमान में कुल 117 डेंगू के मरीज चिंहित हो चुके हैं और इनमें से 90 रिकवर किए जा चुके हैं। बाकी 27 मरीजों को अलग अलग अस्पतालों में इलाज चल रहा है। इनमें से नाजरेथ में 5, बेली में 4, जागृति में 1, कैंटोनमेंट अस्पताल में एक मरीज भर्ती कराया गया है। 6 मरीज घरों में अपना इलाज करा रहे हें।

कई सालों से यह ट्रेंड सामने आया है कि जिस साल डेंगू का प्रकोप रहता है उसके अगले साल मरीज घट जाते हैं। इसके पीछे बॉडी में बनी एंटी बॉडी एक बड़ा कारण है। इस बार अभी तक डेंगू नियंत्रण में है। अक्टूबर में मरीजों की संख्या बढ़ सकती है।

आनंद सिंह, जिला मलेरिया अधिकारी प्रयागराज