प्रयागराज ब्यूरो । लाइफ में सक्सेज पाना है तो करियर का चुनाव सोच समझकर करना होगा। सही करियर का चुनाव करना आसान नहीं है।
इसके लिए पहले गोल को सेट करना होगा। इसके लिए प्लानिंग करनी होगी। दिमाग को अपना गुलाम बनाना होगा। खुद की एप्रोच को पाजिटिव रखना होगा। स्टेप बाई स्टेप चलना होगा। यह सभी बातें स्टूडेंट्स को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट और अमृता विश्व विद्यापीठम की ओर से आयोजित दो दिवसीय करियर पाथवे सेमिनार के पहले दिन मेमोरी ट्रेनर और मोटीवेशनल स्पीकर डॉ। तुषार चेतवानी ने बताई। उन्होंने मेमोरी को शॉप करने के तरीकों पर भी स्टूडेंट्स से बात की।
लक्ष्य को पाने के लिए निरंतर प्रयास जरूरी
मेमोरी ट्रेनर और मोटिवेशनल स्पीकर डॉ। चेतवानी ने बताया कि अपने लक्ष्य को पाने के लिए निरंतर प्रयास करना जरूरी है। बिना थके और रुके लक्ष्य की ओर बढऩे से ही सफलता मिलती है। क्योंकि तेज भागती लाइफ में सही समय पर लक्ष्य को हासिल करना आसान नहीं होता है। इसके लिए लक्ष्य का निर्धारित किया जाना जरूरी हे। उन्होंने काफी मनोरंजक तरीके से बच्चों को बताया। बीच बीच में उनके जोक्स और वीडियोज को भी स्टूडेंंट्स ने खूब इंज्वॉय किया।
गोल को सेट करना जरूरी
डॉ। चेतवानी ने बताया कि अपने गोल को सेट करना बेहद जरूरी है। हार्वर्ड की एक स्टडी के अनुसार 84 फीसदी लोग ऐसे हैं जिनका कोई गोल तय नहीं है। जबकि 13 फीसदी की लाइफ के गोल सेट थे। तीन फीसदी लोगों को गोल लिखा हुआ था। इन लोगों का सक्सेज रेट दूसरों के मुकाबले तीन गुना अधिक था। उन्होंने इसके लिए ब्रूसली और सचिन तेंदुलकर का एग्जाम्पल भी दिया। कहा कि जब कराटे सम्राट ब्रूस ली को कोई नहीं जानता था तब उन्होंने खुद को एक लेटर लिखा और उसमें अपने गोल के बारे में लिखा। बाद में वह उसे रोजाना पढ़ते थे। फिर वह पूरी दुनिया में मशहूर हो गए। इसी तरह गॉड आफ क्रिकेट कहे जाने वाले बैट््समैन सचिन तेंदुलकर हर मैच के बाद अपने को शिखर पर होने के बारे में सोचते थे। उसी सोच ने उनको एक दिन पूरी दुनिया में मशहूर कर दिया।

पीएमएस जानकर चकित हुए स्टूडेंट
डॉ। तुषार ने स्टूडेंट्स को पर्सनल मींिनंग सिस्टम यानी पीएमएस के बारे में बताया। जिनको जानकर स्टूडेंट्स चकित भी हुए। उन्होंने लॉ आफ इमेजिनेशन की तर्ज पर समझाया। बताया कि राजधानी, करेंसी, जानवर, प्लेस आदि के नाम और अन्य शब्दों के अर्थ के आधार पर आसानी से लनिँग प्रासेस को ठीक किया जा सकता है। स्टूडेंट्स को समझाने के बाद उनसे पीएमएस के बारे में सवाल भी पूछे गए। जिसका जवाब भी दिया गया। स्टूडेंट्स को हाजिर जवाबी के लिए शाबाशी भी दी गई।

अमृता विश्वविद्यापीठम के बारे में दी जानकारी
असिस्टेंट मैनेजर (पीआर एंड आउटरीच) डायरेक्टरेट आफ एडमिशन अमृता विश्व विद्यापीठम यूनिवर्सिटी शुभम तोमर ने अमृता विश्वविद्यापीठम के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि इस संस्थान के देश में आठ कैंपस है। जिनमें सौ से अधिक डिपार्टमेंट और 182 प्रोग्राम यूजी, पीजी और पीएचडी में संचालित किए जाते हैं। संस्थान में इंजीनियरिंग, मेडिकल साइंसेज, साइंस और ह्यूमेनिटीज समेत कई स्ट्रीम में कोर्स संचालित किए जाते हैं। इनके अलावा 11 हजार से ज्यादा जर्नल, 100 पेटेंट, 350 प्रोजेक्ट और 500 पीएचडी डिग्री जारी की जा चुकी है। वी संस्थान में 300 से ज्यादा लैब और 90 फीसदी स्टूडेंट के प्लेसमेंट रिकार्ड हैं। उन्होंने कहा कि अधिक जानकारी के लिए संस्थान की वेबसाइट या स्टूडेंट विजिट कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि किसी भी संस्थान में एडमिशन लेंने से पहले उसकी एनआईआरएफ रैंकिंग, कैंपस और प्लेसमेंट रिकार्ड पर जरूर फोकस करना चाहिए।

लैंप लाइटिंग के साथ हुआ श्रीगणेश
एमएलएन मेडिकल कॉलेज के प्रो। प्रीतम दास आडिटोरियम में शुक्रवार को कार्यक्रम की शुरुआत लैंप लाइटिंग से हुई। इस अवसर पर मेमोरी ट्रेनर एंड मोटीवेशनल स्पीकर डॉ। तुषार चेतवानी, असिस्टेंट मैनेजर (पीआर एंड आउटरीच) डायरेक्टरेट आफ एडमिशन अमृता विश्व विद्यापीठम यूनिवर्सिटी शुभम तोमर और दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के संपादक श्याम शरण श्रीवास्तव उपस्थित थे। इसके पहले स्टूडेंट्स द्वारा अपना रजिस्ट्रेशन कराया गया। बड़ी संख्या में पहुंचे स्टूडेंट्स की वजह से आडिटोरियम का हाल खचाखच भरा हुआ नजर आया। पहले दिन दो सेशन का आयोजन किया गया था।