प्रयागराज (ब्यूरो)। माघ मेला क्षेत्र में हजारों तपस्वी महात्मा जप-तप करने आते हैं। इनके क्षेत्र को खाकचौक के नाम से जाना जाता है। खाकचौक व्यवस्था समिति के बैनर तले महात्माओं को शिविर लगाने के लिए भूमि आवंटन किया जाता है। फरवरी-2021 में समिति के महात्मा दो गुट में बंट गए थे। एक गुट महामंडलेश्वर सीताराम दास के साथ है, जबकि कुछ महात्मा महामंडलेश्वर संतोष दास 'सतुआ बाबाÓ के साथ खड़े हैं। सीताराम दास गुट ने प्रशासन की सूची से क्रमानुसार जमीन आवंटन की मांग किया था, जबकि संतोष दास समिति के जरिए जमीन आवंटन कराने पर अड़े थे। गुरुवार को दोनों गुटों में तकरार हुई। इस पर शुक्रवार की सुबह मेलाधिकारी शेषमणि पांडेय ने दोनों पक्षों के साथ बैठक किया। आपसी बातचीत के बाद दोनों पक्ष सामंजस्य से जमीन वितरण करने पर सहमत हो गए। इस पर भूमि पूजन करके आवंटन शुरू किया गया।

मेरे पक्ष से पांच महात्मा मेलाधिकारी से वार्ता करने के लिए गए थे। वे संतोषदास के सामने ढीले पड़ गए। उन्होंने मेरा साथ नहीं दिया था। इससे मैंने भी विरोध छोड़कर सबकी मर्जी के अनुरूप जमीन आवंटन के लिए हामी भर दिया।
महामंडलेश्वर सीताराम दास

खाकचौक सभी संतों का है। कुछ लोगों के विचारों में मतभेद था, जो खत्म हो गया है। अब कोई पक्ष व विपक्ष नहीं है। मेरे लिए सारे महात्मा सम्मानीय हैं। सबका सम्मान करते हुए जमीन आवंटन किया जा रहा है।
महामंडलेश्वर संतोष दास 'सतुआ बाबाÓ