हिन्दुस्तानी एकेडेमी उ0 प्र0, प्रयागराज एवं प्रयाग महिला विद्यापीठ डिग्री कालेज प्रयागराज के संयुक्त तत्वावधान में शनिवार को महीयसी महदेवी वर्मा पर केन्द्रित 'छायावाद और महादेवी वर्मा' विषयक संगोष्ठी का आयोजन महादेवी सभागार, प्रयाग महिला विद्यापीठ डिग्री कालेज, प्रयागराज में किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ महीयसी महादेवी वर्मा एवं नेताजी सुभाष चन्द्र बोष की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता एकेडेमी अध्यक्ष डॉ उदय प्रताप सिंह ने कहा कि बौद्धिक क्षमता वाली यदि कोई कवियत्री है तो वह महादेवी हैं।
गद्य रचनाएं महादेवी जी की पद्यात्मक रचनाओं की पूरक
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता प्रो। योगेन्द्र प्रताप सिंह (हिन्दी विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, प्रयागराज) ने कहा कि महादेवी जी की गद्य रचनाएं उनकी पद्यात्मक रचनाओं की पूरक हैं। संगोष्ठी के विशिष्ट वक्ता डॉ। अनूप कुमार ने कहा कि महादेवी की कविताओं से एक ओर प्रेरणा तो दूसरी ओर भारतीय समाज में स्त्री जीवन की वास्तविक स्थिति का बोध होता है। संगोष्ठी के सम्मानित वक्ता डॉ। अरुण कुमार मिश्रा ने कहा कि च्छायावाद का कैनवास बहुत व्यापक है। संगोष्ठी के सम्मानित वक्ता प्रो। रमेश चन्द्र शुक्ला, डॉ। सृष्टि कुशवाहा आदि ने विचार व्यक्त किये। संगेाष्ठी का संयोजन एवं संचालन प्रयाग महिला विद्यापीठ डिग्री कालेज प्रयागराज की कार्यवाहक प्राचार्या डॉ। जूही शुक्ला ने किया। कार्यक्रम में डॉ। सपना चैधरी, डॉ। ज्योति, डॉ। रमेश सिंह, डॉ सरोज सिंह, सहित शहर के गणमान्य लोग उपस्थित रहे।