- संबंधित विभागों को माघ मेले में समय से काम पूरा करने के दिए निर्देश

- इनक्रोचमेंट हटाने और पानी की टेस्टिंग कराने की दी हिदायत

ALLAHABAD:

जिला प्रशासन ने श्रद्धालुओं को स्नान के लिए स्वच्छ और निर्मल जल उपलब्ध कराने को लेकर सख्त रवैया अख्तियार किया है। रविवार को मेला एरिया में हुई बैठक में डीएम संजय कुमार ने कहा कि अगर मुख्य स्नान से पहले नाले टैप नहीं हुए तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने इनक्रोचमेंट हटाने और पानी की टेस्टिंग समय से कराने की हिदायत भी दी है।

टैप होने हैं दो दर्जन नाले

माघ मेला कैंप कार्यालय में हुई बैठक में डीएम ने गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई को जल्द से जल्द नालों की टैपिंग का कार्य पूर्ण करने की चेतावनी दी है। बता दें कि शहर में 23 नालों को टैप करना है, जिनका गंदा पानी गंगा में जा रहा है।

नरौरा से छोड़ा गया चार हजार क्यूसेक पानी

बैठक में बताया गया कि नरौरा से चार हजार क्यूसेक पानी छोड़ दिया गया है, जो पांच और छह जनवरी की रात इलाहाबाद पहुंच जाएगा। फिलहाल, गंगा के पानी में प्रदूषण की बात गलत है। डीएम के मुताबिक पाल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की गंगाजल की रिपोर्ट में बीओडी और डीओ लेवल खतरे के निशान से नीचे आए हैं। पानी का लेवल कम होने से मटमैलेपन की शिकायत है। नरौरा से जल आने के बाद समस्या खत्म हो जाएगी।

कब होगी टेस्टिंग

मेले में 130 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन बिछाने का काम चल रहा है। जल निगम के अधिकारियों के मुताबिक 90 फीसदी काम हो चुका है। 31 दिसंबर तक काम समाप्त हो जाएगा। डीएम ने चेतावनी दी कि काम में लेटलतीफी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मेला शुरू होने के बाद गंदे पानी, लीकेज या पाइप लाइन फटने की शिकायत नहीं मिलनी चाहिए। उन्होंने नगर निगम द्वारा जीटी पुल के पास अतिक्रमण हटाने में हो रही देरी पर भी नाराजगी जताई। निर्देश दिया कि बिना देरी किए अवैध कब्जों को हटाया जाए।

बॉक्स

हाइलाइटर

मेले में किसके पास कितना काम

पीडब्ल्यूडी- पांच पांटून पुल और 72.33 किमी लंबे चकर्डप्लेट मागरें का निर्माण

जल निगम- 130 किमी मुख्य और 120 किमी संयोजन पाइप लाइन बिछाना

बिजली विभाग- नौ हजार बिजली के पोल, 17 सब स्टेशन की स्थापना

स्वास्थ्य विभाग- बीस-बीस बेड के दो हॉस्पिटल, 12 प्राथमिक उपचार केंद्र समेत 14 सैनिटेशन यूनिट, 60 सुलभ शौचालय और दस हजार पीआरए टाइप शौचालय का निर्माण

सिचाई विभाग- तीन लकड़ी की अस्थाई जेटी, चार किमी रीवर ट्रेनिंग का निर्माण