प्रयागराज (ब्यूरो)। अतीक और अशरफ की की पुलिस कस्टडी में हत्या के बाद माफियाओं के दम पर प्रॉपर्टी डीलिंग कर रहे ज्यादातर डीलर अंडर ग्राउंड हो गए हैं। वह किसानों व आम पब्लिक की जमीन को जबरन खरीदकर या एग्रीमेंट कराने से बच रहे रहे हैं। माफियाओं की गोद में बैठकर यहां प्रॉपर्टी डीलिंग करने वाले गुर्गे भूमिगत हो गए हैं। इसकी वजह से रजिस्ट्रार कार्यालय में होने वाली रजिस्ट्री की संख्या घट गई है। अकेले सदर तहसील के रजिस्ट्रार प्रथम दफ्तर में जहां हर रोज 25 से 30 रजिस्ट्री हुआ करती थी। वहां आज 20 रजिस्ट्री भी प्रतिदिन नहीं हो पा रही है। इस बात के पुख्ता उदाहरण वर्ष 2022 व 2023 में जनवरी से अब तक हुई रजिस्ट्री की संख्या व मिले राजस्व का आंकड़ा देता है। कमोवेश रजिस्ट्री की यही कंडीशन सदर तहसील के रजिस्ट्रार सेकंड कार्यालय में भी बताई जा रही है। अचानक तेजी के साथ घटी रजिस्ट्री की संख्या को देखते हुए राजस्व मामलों के एक्सपर्ट अधिवक्ता भी हैरत में हैं।
15 जगह ईडी ने मारे थे छापे
सदर तहसील के दोनों रजिस्ट्रार कार्यालय में अचानक घटी रजिस्ट्री की संख्या के पीछे जानकार माफियाओं व भू-माफियाओं पर सरकार के एक्शन को बड़ी वजह मान रहे हैं। कहा जा रहा है कि पिछले वर्ष 2022 में रजिस्ट्री की स्थिति काफी ठीक थी। इस वर्ष पिछले साल की अपेक्षा जनवरी से अब रजिस्ट्री की संख्या में तेजी से गिरावट आई है। साल 2023 के शुरुआत महीने में ही सरकार का रुख सख्त हो गया था। इसी बीच 24 फरवी को उमेश पाल की शूटरों ने हत्या कर दी। जिले में इस घटना के बाद योगी सरकार माफियाओं और भू- माफियाओं के विरुद्ध खुलकर एक्शन में आ गई। कहा जा रहा है कि ज्यादातर प्रॉपर्टी डीलर इन्हीं माफियाओं के रौब और खौफ के दम पर जमीन के कारोबार का माया जाल फैला रखे थे। अधिकतर प्रॉपर्टी डीलर अतीक व उससे जुड़े बड़े लोगों की सरपरस्ती में काम कर रहे थे। अतीक अहमद पर कानून की लाठी गिरनी शुरू हुई तो किसानों व गरीबों को डरा धमका कर जमीन लेने के बाद बेचने वाले गुर्गे अंडर ग्राउंड हो गए। तमाम बड़े प्रॉपर्टी डीलर ईडी कार्रवाई के जद में आ गए। इस कार्रवाई के बाद रौब और खौफ के दम पर प्रॉपर्टी डीलिंग के काम से करोड़ों कमाने वालों की रूह कांप गई।
साइलेंट मोड में प्रापर्टी डीलर
बचने के लिए गुर्गे काम धंधा बंद करके अंडर ग्राउंड और साइलेंट हो गए। एक दिन में शहर के अंदर ईडी की छापे से कुल 15 बड़े रीयल स्टेट कारोबार की नीव हिल गई। इसी बीच 15 अप्रैल को अतीक अहमद व उसके भाई की काल्विन गेट के पास हत्या कर दी गई। अतीक से जुड़े सारे प्रॉपर्टी डीलर व गुर्गे पुलिस की रडार पर आ गए। ऐसी स्थिति में हर रोज जमीन व फ्लैट की होने वाली रजिस्ट्री की संख्या घट गई।
पिछले साल और इस वर्ष में अंतर
वर्ष महीना रजिस्ट्री
2022 जनवरी 798
2023 जनवरी 483
2022 फरवरी 668
2023 फरवरी 494
2022 मार्च 936
2023 मार्च 632
2022 अप्रैल 703
2023 अप्रैल अब तक 414
रजिस्ट्रार फस्र्ट के यहां हुई रजिस्ट्री का राजस्व
वर्ष महीना इनकम प्रतिशत
2022 जनवरी 1099.73 67.70
2023 जनवरी 1076.39 59.80
2022 फरवरी 1190.8 78.60
2023 फरवरी 1416.75 80.96
2022 मार्च 1432.74 84.53
2023 मार्च 1578.31 80.24
2023 अप्रैल खत्म होने पर होगा मिलान।
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नोट- निजी स्रोतों से प्राप्त आय के आंकड़े करोड़ में हैं।
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इस लिए मार्च में बढ़ी फ्लैट की रजिस्ट्री
जगह-जगह बनाए गए अपार्टमेंट में सबसे ज्यादा फ्लैट 104 का रजिस्ट्रेशन इसी वर्ष हुआ है। इसके पीछे जानकार एक बड़ी वजह बता रहे हैं। कहा जा रहा है कि 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या के बाद सरकार व पुलिस सख्त हो गई थी। मामले में अतीक अहमद व उसकी फेमिली का नाम आने के बाद उसके गुर्गे भी दुबक गए थे। बड़े स्तर पर प्रापर्टी का काम करने वाले भी खामोश ही रहे। मार्च महीने में अतीक व उसके परिवार पर कानून का हंटर बरसने लगा था। अतीक से जुड़े रियल स्टेट के कारोबारी ताबड़तोड़ फ्लैट की रजिस्ट्री करना शुरू कर दिए। उन्हें मालूम था कि आज नहीं कल वे भी कार्रवाई की जद में आ सकते हैं। यही कारण रहा कि इस फ्लैट की रजिस्ट्री की संख्या काफी रही।
रजिस्ट्री का काम पूरी गति से चल रहा है। लोगों को रजिस्ट्री कराने में कोई दिक्कत नहीं हो इस बात के सख्त निर्देश दिए गए हैं। जिनको जरूरत है वे रजिस्ट्री करा रहे हैं। रजिस्ट्री की संख्या में गिरावट जैसी कोई है। यदि ऐसी बातें आ रही हैं तो समीक्षा के बाद ही कुछ बता पाएंगे।
संजय खत्री जिलाधिकारी प्रयागराज