प्रयागराज ब्यूरो । नकली नोट की छपाई पकड़ में आने के बाद चर्चा में आये मदरसा जामिया हबीबिया की तरफ से दावा किया गया है कि वह जिस जमीन पर स्थापित है वहां कुछ भी गलत नहीं है। जो भी कंस्ट्रक्शन कराया गया है वह नियम और कानून से हुआ है। इसके सुबूत बुधवार को पीडीए के समक्ष पेश हुए मदरसे के वकीलों ने पेश किये। अधिवक्ताओं का कहना था कि पीडीए की नोटिस मिलने पर 12 सितंबर को ही जवाब दाखिल कर दिया गया था। बुधवार को एक बार फिर से पेश होकर जवाब दाखिल किया जा रहा है।

4 सितंबर को सील

बता दें कि इस मदरसे में नकली नोट छापने का कारखाना पकडऩे का पुलिस ने दावा किया था। पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार किया और नकली नोट के साथ इसकी छपाई के उपकरण बरामद करने का दावा किया। पुलिस ने आरोपितों को जेल भेज दिया तो पीडीए सक्रिय हो गया। पीडीए की तरफ से 4 सितंबर को मदरसे को नोटिस जारी की गयी और यहां रहने वाले बच्चों को बाहर निकालकर इसे सील कर दिया गया। नोटिस में नक्शा पास न होने का आरोप लगाया गया था और चेतावनी दी गयी थी कि संतोषजनक जवाब न मिलने पर मदरसे को ढहा दिया जायेगा।

अनुमति से कराया निर्माण

मदरसा कमेटी की तरफ से दाखिल किए गए जवाब में सब कुछ सही होने का दावा किया गया है। कहा गया है कि मदरसा कैंपस का सभी निर्माण पूरी तरह वैध है। सभी निर्माण विकास प्राधिकरण समेत दूसरे सरकारी विभागों की अनुमति से ही तैयार किए गए हैं। मदरसा परिसर में स्थित मस्जिद ए आजम 300 साल से ज्यादा पुरानी है। मदरसे की स्थापना 84 साल पहले 1940 में की गई थी। उस वक्त निर्माण के लिए ब्रिटिश हुकूमत से मंजूरी ली गई थी। देश की आजादी के बाद 1952 में नगर पालिका परिषद से नक्शा पास कराया गया था। उस वक्त प्रयागराज विकास प्राधिकरण अस्तित्व में नहीं था। विकास प्राधिकरण 1973 में अस्तित्व में आया है। इसके बाद 1981 में विकास प्राधिकरण से भी नगर पालिका के नक्शे को मंजूरी दिलाई गई थी। मदरसा कमेटी ने अपने इन सभी दावों के दस्तावेज भी विकास प्राधिकरण के जवाब के साथ दाखिल किए हैं।

डाक्यूमेंट भी देंगे

कहा गया है कि इन सभी दस्तावेजों के परीक्षण के बाद भी अगर कोई आपत्ति या शंका है तो मदरसा अन्य डॉक्यूमेंट भी देने को तैयार है। कहा गया है कि अगर इसके बावजूद कोई सवाल या शंका है तो प्राधिकरण उस हिस्से का निरीक्षण और परीक्षण कर दस्तावेजों की जांच कर सकता है। मदरसा हर तरह से सहयोग करने को तैयार है। जवाब के जरिए कहा गया है कि मदरसे की सील को खोल दिया जाना चाहिए। यहां रोजाना पांच वक्त नमाज होती थी। सील होने की वजह से नमाज बंद है

बच्चों की पढ़ाई भी बंद

प्रयागराज के इस मदरसे में 28 अगस्त को नकली नोट छापने की फैक्ट्री पकड़ी गई थी। पुलिस ने इस मामले में कार्यवाहक प्रिंसिपल समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया था। अवैध निर्माण की शिकायत होने पर प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने इसे 4 सितंबर को सील कर दिया था। तब से यह मदरसा बंद चल रहा है। मदरसा कमेटी जवाब की कॉपी सुप्रीम कोर्ट और इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को भी भेज रही है। बुधवार को जवाब दाखिल करते हुए कहा गया कि सील हो जाने से बच्चों की पढ़ाई बाधित हो गयी है। बच्चों के हित को देखते हुए सील हटा ली जानी चाहिए।