प्रयागराज- लोग परेशान हैं। उनको समझ नहीं आ रहा कि फेफड़े में इंफेक्शन होने के बाद हार्ट फेल्योर कैसे हो रहा है। क्योंकि जितने भी मामले कोरोना से मौत के आ रहे हैं उनमें हार्ट बीट फेल होना बताया जा रहा है। डाक्टर्स का कहना है कि फेफड़े में आक्सीजन नहीं पहुंचने से पूरे शरीर में आक्सीजन प्रापर नहीं पहुंच पाती। इसकी वजह से हार्ट को भी आक्सीजन नहीं मिल पाती। यही कारण है कि लोगों का हार्ट फेल हो रहा है। इसलिए एक बार इंफेक्शन होने के बाद फेफड़ों का ध्यान रखना जरूरी होता है।

14 दिन रखिए अपना ध्यान

एक बार इंफेक्शन होने के बाद वायरस 14 दिन शरीर में रहता है। डॉक्टर्स का कहना है कि संक्रामक व्यक्ति अगर 14 दिन तक अपना ख्याल रखे तो अपने आप संक्रमण खत्म हो जाता है। लेकिन देखने वाली बात यह है कि इस बीच उसके फेफड़ों को कितना नुकसान पहुंचा है। अगर फेफड़े अधिक प्रभावित हैं तो फिर रिकवरी आसान नही होती है। संक्रमण के दौरान इच्छा शक्ति का बड़ा रोल होता है।

कम हुई स्क्रमितों की संख्या, 13 की मौत

इस बीच शनिवार को संक्रमितों की संख्या घटकर 2054 हो गई। यह शहर की सेहत के लिए अच्छे संकेत हो सकते हैं। वहीं डिस्चार्ज होने वालों की संख्या 1807 रही। जिनमें से 58 अस्पताल से डिस्चार्ज हुए और 1749 होम आइसोलेनेश से स्वस्थ हुए हैं। 13 मरीजों की चौबीस घंटे में कोरोना से जान चली गई। 12228 मरीजों का चौबीस घंटे में सैंपल लिया गया। कोरोना नोडल प्रयागराज डॉ। ऋषि सहाय ने बताया कि संक्रमण को रोकने की कोशिश की जा रही है। बस लोगों को नियमों का पालन करना है।

ये हुए संक्रमित

शनिवार को संक्रिमित होने वालों में पीएनबी के ब्रांच मैनेजर, बीओबी के मैनेजर, एयरपोर्ट के डीएसओ, खत्री पाठशाला अतरसुइया के प्रिंसिपल, जैन अस्पताल संचालक, डीएसपी, इनकम टैक्स स्टेनोग्राफर आदि का नाम शामिल रहा।