40 डिग्री सेल्सियस के पार चल रहे पारे ने मचाया तहलका
मई का महीना लोगों का कड़ा इम्तिहान ले रहा है। लू के थपेड़ों से बेहाल रोजाना दर्जनों की संख्या में मरीज हॉस्पिटल में भर्ती हो रहे हैं। डॉक्टर कहते हैं कि शुरुआती लक्षणों को अनदेखा करना नुकसानदायक हो सकता है। फिलहाल, मौसम लोगों को राहत देने के मूड में नहीं है।
हाउसफुल हो गए हैं वार्ड
गर्मी अपने प्रचंड रूप में आ रही है, गर्मी से बेहाल मरीजों की संख्या में भी वृद्धि बनी हुई है
लू लगने से उल्टी-दस्त, बुखार, बदन दर्द, इंफेक्शन के मरीज सैकड़ों की संख्या में ओपीडी में दस्तक दे रहे हैं
केवल एसआरएन हॉस्पिटल के मेडिसिन वार्ड में रोजाना तीस मरीजों को भर्ती किया जा रहा है
बेली और कॉल्विन हॉस्पिटल में मिलाकर भर्ती मरीजों की संख्या 20 से 30 के आसपास पहुंच रही है
ओपीडी में रोजाना पहुंचने वाले मरीजों की संख्या 200 से 300 हो चुकी है
इनका रखें ध्यान
दोपहर में नंगे सिर बाहर निकलने से बेहतर है कि सूती कपड़ा डालकर निकलें
एसी कमरे से निकलकर अचानक धूप में नही जाना चाहिए।
धूप से आकर भी अचानक एसी में नही जाना चाहिए।
घर से बाहर निकलने के पहले पेट खाली नही हो और पेय पदार्थ का अधिक से अधिक सेवन किया जाए।
उल्टी-दस्त के साथ पेट दर्द होने पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए
शरीर से अधिक मात्रा में पानी निकल जाने पर डायरिया की चपेट में आ सकते हैं।
नारियल पानी और जूस का सेवन भी कर सकते हैं
इस मौसम में लू से बचना होगा। ओपीडी में गर्मी से प्रभावित मरीजों की संख्या में 15 फीसदी तक वृद्धि हुई है। भर्ती मरीजों की संख्या में भी बढ़ोतरी हो रही है। धूप में जाते समय पूरे बदन के सूती कपड़े पहने और सिर को ढककर रखना चाहिए। साफ और शुद्ध खानपान पर ध्यान दें।
डॉ। मनोज माथुर, फिजीशियन, एसआरएन हास्पिटल
गर्मी में अपने चरम पर है। जितना अधिक से अधिक हो पानी का सेवन करना चाहिए। शरीर में पानी की कमी होने से डायरिया के लक्षण सामने आने लगते हैं, जो सेहत के लिए नुकसानदेय है। शुरुआती लक्षणों में डॉक्टरी सलाह ले ली जाए तो फटाफट आराम पाया जा सकता है।
डॉ। ओपी त्रिपाठी, फिजीशियन, बेली हॉस्पिटल