प्रयागराज (ब्‍यूरो)। दीपक और उनकी पत्नी श्रद्धा की शादी वर्ष 2013 में हुई थी। इसका भी एक दिलचस्प किस्सा है। वह बताते हैं कि उनके जीजाजी बहाने से उन्हे नारायणी आश्रम ले गए थे। वहां पर श्रद्धा अपने मामा के साथ आई हुई थीं। यह पूरा ड्रामा जीजा और उनके मामा ने मिलकर रचा था। लेकिन दीपक को नही पता था। वहां पर दोनों ओर से ऐसे रिएक्ट किया गया कि जैसे सब अकस्मात मिले हों। वहीं दीपक ने श्रद्धा को देखा और पसंद कर लिया। फिर दोनों को अकेले में बात करने के लिए छोड़ दिया गया। इस छोटी से मुलाकात में दोनों को यह समझ आ गया कि, दोनों एक दूसरे के लिए बने हैं। इसके बाद पैरेंट्स ने आपसी रजामंदी से दोनों की शादी करा दी।

पिछले वैलेंटाइन डे पर दी थी अंगूठी
शादी के 9 साल बीतने के बाद भी दोनों के रिश्तों में ताजगी बरकरार है। हर साल दोनों वैलेंटाइन पर एक दूसरे को सरप्राइज गिफ्ट देते हैं। पिछले वैलेंटाइन डे पर श्रद्धा ने दीपक को सोने की अंगूठी गिफ्ट की थी। बदले में दीपक ने उन्हें फूलों का गुलदस्ता देकर विश किया था। इस बार दीपक कहते हैं कि मैने स्पेशल गिफ्ट प्लान किया है जिसे डिस्क्लोज नही किया जाएगा। समय आने पर मैं अपनी वाइफ को सरप्राइज कर दूंगा। वह कहते हैं कि गिफ्ट महंगा या सस्ता हो इससे फर्क नही पड़ता, देने वाले की भावना और प्यार का अधिक महत्व होता है।

एक घटना जो दिल दिमाग में बैठ गई
तीन साल पहले दीपक का एक्सीडेंट हो गया था। इस दौरान वह शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती थे। बताते हैं कि उनकी वाइफ श्रद्धा पेशे से टीचर हैं। इलाज में पैसे लगने थे। श्रद्धा ने अपने पैसो से दीपक का पूरा इलाज कराया। जबकि दीपक ने उन्हें बैंक एटीएम वगैर ह दे रखा था। दीपक कहते हैं कि श्रद्धा की खास बात है कि वह पैसा जोड़ कर रखती हैं। यह राज तब खुला जब दस हजार के पुराने नोट कुछ दिन पहले मिले। यह पैसा वह नोटबंदी के समय बैंक में एक्सचेंज ही नही करा पाईं।

सुधर गई लेट पहुंचेन की आदत
दीपक कहते हैं कि शुरुआत में उनकी आदत लेट नाइट घर जाने की थी। चैंबर से रात आठ बजे उठने के बाद वह दोस्तों के साथ समय बिताते थे। ऐसे में बारह बजे तक घर पहुंचते थे। यह बात श्रद्धा को पसंद नही थी। उन्होंने दीपक पर नियंत्रण लगाना शुरू किया। धीरे-धीरे उनकी टाइमिंग ठीक हो गई। अब वह दस बजे तक रोज रात में अपने घर पहुंच जाते हैं।