- सुबह 9.27 बजे तक है पूजन का विशेष मुहूर्त

चैत्रशुक्ल की पूíणमा तिथि पर प्रभु श्रीराम के अनन्य भक्त पवनपुत्र हनुमान जी का प्राकट्योत्सव हर वर्ष मनाया जाता है। इस बार ये तिथि मंगलवार को पड़ रही है। ऐसे में मंगलवार को प्रभु श्रीराम के अनन्य भक्त संकटमोचन हनुमान जी का प्राकट्य उत्सव मनाया जाएगा। इस दिन रूद्रावतार हनुमान जी की स्तुति और पूजन करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है और मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है। इसके साथ भगवान विष्णु की स्तुति का मास वैशाख का आरंभ भी हो जाएगा।

चैत्रमास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है प्राकट्य उत्सव

ज्योतिíवद आचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी ने बताया कि सदियों पहले दक्षिण भारत में चैत्र मास की पूíणमा तिथि को हनुमान जी का प्राकट्य उत्सव मनाने की परंपरा थी। अब उसी के अनुरूप देशभर में हनुमान जी का प्राकट्य उत्सव मनाया जाने लगा है। पूíणमा तिथि सोमवार को दिन में 11.45 बजे लगकर मंगलवार की सुबह 9.27 बजे तक रहेगी। उदया तिथि मंगलवार को होने के कारण केसरी नंदन हनुमान जी का प्राकट्य उत्सव मंगलवार को स्वाति नक्षत्र, सिद्धि योग में मनाया जाएगा। प्राकट्य उत्सव व पवनपुत्र हनुमान जी का पूजन करने का सबसे उत्तम मुहूर्त सुबह 9.27 बजे तक है।

पूजन से दूर होंगे आíथक, शारीरिक व मानसिक कष्ट

हनुमान जी के प्राकट्य उत्सव के अवसर पर उनकी आराधना करने का विशेष महत्व है। ज्योतिविर्द आचार्य देवेन्द्र प्रसाद त्रिपाठी ने बताया कि प्राचीन हनुमान मंदिर में लाल ध्वज चढ़ाकर हनुमान जी की प्रतिमा पर देशी घी मिश्रित सिंदूर लगाने के बाद सुंदरकांड पाठ, हनुमान चालीसा अथवा बजरंग बाण का पाठ करने वाले व्यक्ति को आíथक, शारीरिक व मानसिक कष्टों से मुक्ति मिलेगी। कोरोना संक्रमण के कारण हनुमान मंदिरों में बड़ा आयोजन इस बार नहीं होगा। चुनिंदा भक्तों की मौजूदगी में पूजन-भजन किया जाएगा। वहीं, वैशाख मास भगवान विष्णु की स्तुति का कालखंड माना जाता है। मास पर्यंत गंगा, यमुना अथवा किसी पवित्र नदी में स्नान करके घट, सत्तू, फल, वस्त्र, छाता का दान करना पुण्यकारी माना गया है।

उदया तिथि मंगलवार को होने के कारण केसरी नंदन हनुमान जी का प्राकट्य उत्सव मंगलवार को स्वाति नक्षत्र, सिद्धि योग में मनाया जाएगा।

ज्योतिíवद आचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी