- कोविड काल में मरीजों को अस्पताल तक ले जाने में जमकर लूट रहे एंबुलेंस चालक
- चंद किमी के लिए हजारों रुपये की कर रहे मांग
- दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट के स्िटग में एंबुलेंस चालकों की मनमानी आई सामने
PRAYAGRAJ:
कोरोना संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ रही है। रोजाना 17 से 18 सौ के पार संक्रमण के मामले आ रहे हैं। 8 से 12 पीडि़तों की मौत हो रही है। इस बीमारी का फायदा निजी एंबुलेंस चालक जमकर उठा रहे हैं। चंद किलोमीटर के लिए हजारों रुपये की मांग कर रहे हैं। मनमानी करते हुए मजबूर और पीडि़त लोगों से एंबुलेंस चालक लूटने का काम कर रहे हैं। यह लूट इतने संगठित तरीके से हो रही है कि कोई भी वाहन चालक कम रेट में कोरोना मरीज को कोविड सेंटर या अस्पातल तक ले जाने के लिए तैयार नहीं है। इस वजह से जरूरतमंद लोगों को एंबुलेंस का मुंहमांगा किराया देने की मजबूरी हो गई है। दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट ने स्टिंग के जरिए चालकों की मनमानी का खुलासा किया।
पीपीई किट का अलग से पैसा
दरअसल, अगर किसी की कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई और उसे कोविड सेंटर जाना है, तो एंबुलेंस के बिना जा नहीं सकता। एंबुलेंस आसानी से मिल नहीं रही है। प्रशासन की ओर से महज 108 वाहन उपलब्ध है। लेकिन रोजाना मरीज अस्पतालों और कोविड सेंटरों में भर्ती हो रहे हैं। इसलिए सरकारी इंतजाम नाकाफी है। इसी कमी का फायदा उठाते हुये मनमाना किराया वसूला जा रहा है। जब दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट की टीम ने एक नहीं बल्कि दर्जनों निजी वाहन चालकों से बात की तो सभी ने किराया छह से सात हजार रुपये बताया। कुछ ने आक्सीजन सिलेंडर के साथ और ज्यादा राशि की मांग की। उनका कहना है कि कोरोना मरीज है, पीपीई किट और सफाई देखनी पड़ती है। यह ही नहीं पीपीई किट का पैसा भी अलग से मांग रहे हैं। बकायदा एक आदमी रजिस्टर लेकर बैठा था। सभी एंबुलेंस वाहनों की चलने का ट्रिप नोट कर रहा था।
केस वन
एंबुलेंस चालक और रिपोर्टर के बीच बातचीत
रिपोर्टर - एक मरीज को प्रीतम नगर से लेकर कोविड वार्ड तक छोड़ने का क्या लेंगे?
चालक - दो हजार लगेगा, पॉजिटिव तो नहीं है
रिपोर्टर - पॉजिटिव है
चालक - तब दो नहीं छोटी गाड़ी का पांच लगेगा। थोड़ी बड़ी गाड़ी का सात हजार।
रिपोर्टर - बड़ा ज्यादा बता रहे हैैं किराया
चालक - यह ही रेट चल रहा है इस समय पता कर सकते है
रिपोर्टर - पहले तो इतना नहीं लगता था
चालक - पहले चालक इतना रिस्क लेकर भी नहीं छोड़ता था अब समय बदल गया है
रिपोर्टर - कुछ कम कर दीजिए
चालक - बहुत सवाल जवाब करते हैं आप, इतनी देर में तो आदमी बुक कर निकल जाता है
केस टू
एसआरएन अस्पातल के अंदर बने कोविड वार्ड के बाहर खड़े एंबुलेंस चालक से बातचीत
रिपोर्टर - तेलियरगंज से एक मरीज को लेकर आना है कितना लगेगा
चालक - जांच कराना है या एडमिट कराना है
रिपोर्टर - जांच और एडमिट से क्या मतलब है
चालक - क्यों मतलब है अगर पॉजिटिव होगा तो किराया अलग है
रिपोर्टर - पॉजिटिव ही है
चालक - ऑक्सीजन वाली गाड़ी चाहिए या फिर नॉर्मल
रिपोर्टर - ऑक्सीजन का क्या रेट और बिना ऑक्सीजन क्या है?
चालक - आक्सीजन का सात हजार है और बिना ऑक्सीजन साढे पांच हजार रुपये
रिपोर्टर - ज्यादा दूर तो नहीं है फिर इतना किराया
चालक - जान खतरे में डालकर आदमी लाकर छोड़ता है उसके बाद गाड़ी को सैनिटाइज भी कराना होता है
रिपोर्टर - कुछ कम नहीं हो जाएगा। चालक - अगर कम देना है तो अस्पताल के बाहर खड़ी तमाम गाडि़यों से थोड़ा रेट ले लीजिए
केस थ्री
अस्पताल के बाहर खड़ी कई एंबुलेंस चालकों से बातचीत
रिपोर्टर - एंबुलेंस कोई खाली है क्या
चालक - सब एंबुलेंस चालक ही बैठे है
रिपोर्टर - पॉजिटिव मरीज को लाकर अस्पातल छोड़ना था
चालक - कहां से लाना है
रिपोर्टर - ज्यादा दूर नहीं है मात्र छह किलोमीटर की दूरी है
चालक - मिनिमम किराया 15 सौ रुपये है चाहे आधा किलोमीटर ही क्यों न हो
रिपोर्टर - यानी की 15 सौ रुपये देना होगा
चालक - आपका पॉजिटिव वाला मामला है उसका अलग किराया है
रिपोर्टर - मतलब
चालक - मतलब यह है कि पांच हजार लगेगा वैन का और पीपीई किट का अलग से चार्ज देना होगा
रिपोर्टर - अगर यह ही फाफामऊ घाट तक अस्पातल से जाना हो तब
चालक - इतना ही लगभग किराया यहां चल रहा है
यदि अधिक शुल्क लेने की शिकायत आती है, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। मनमाना किराया कोई नहीं वसूलेगा। इसके लिए एक टीम बनाकर चेक कराया जाएगा। गलत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।
दिनेश कुमार सिंह, एसपी सिटी प्रयागराज
अगर अस्पताल कैंपस के अंदर इस तरह का हो रहा है तो चेक कराया जाएगा। चालकों की मनमानी पर अंकुश लगाया जाएगा। तय रेट से ज्यादा किराया लेने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
एसपी सिंह, प्रिंसिपल एसआरएन अस्पताल