प्रयागराज ब्यूरो । मुस्लिम बोर्डिंग हास्टल में रहकर कॅरियर खोज रहे छात्रों की मुसीबत अचानक बढ़ गई। यहां रहकर पढ़ाई के जरिए कॅरियर खोजने वाले छात्र अब रूम की तलाश में भटक रहे हैं। सोमवार को हॉस्टल के सभी छात्रों को कमरे से बाहर निकाल दिया गया। खाली कराए गए हॉस्टल के सभी 107 रूम में ताला लगा कर पुलिस द्वारा सील कर दिया गया है। हास्टल से हटाए जाने के बाद अब उन छात्रों के सामने रूम खोजने का बड़ा चैलेंज खड़ा हो गया है। दबी जुबान छात्र कहते हैं कि अब तो इस हास्टल से आने की बात सुनते ही लोग रूम देने से कतरा रहे हैं। गनीमत यह रही कि कार्रवाई के वक्त महज सात रूम में ही छात्र थे। वह भी सभी लोकल के ही थे। लिहाजा हास्टल से रूम खाली कराए जाने के बाद ज्यादातर घर चले गए। एक दो जो बचे वह दोस्तों के साथ रूम मिलने तक एडजस्ट कर लिए हैं। वह किस हास्टल में किस दोस्त के साथ रह रहे हैं यह बताने से भी मुकर गए। इसकी वजह छात्रों में पुलिस की कार्रवाई का डर माना जा रहा है।
इसी हास्टल से रची गई थी साजिश
बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के गवाह उमेश पाल की दिनदहाड़े गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी। धूमनगंज थाना क्षेत्र के सुलेमसराय जयंतीपुर में हुई इस वारदात से पूरा प्रशासनिक सिस्टम हिल गया। गोलियों की आवाज और बम के धमाकों की गूंज सूबे की सबसे बड़ी सदन तक जा पहुंची। इसके बाद इस हत्याकांड की तफ्तीश में जुटी पुलिस कातिलों व पूरी घटना की साजिश को खोजने में जुट गई। इसी जांच के दौरान पुलिस के हाथ मुस्लिम हास्टल से गाजीपुर जिले का रहने वाला सदाकत लगा था। पुलिस द्वारा बताया गया था कि सदाकत के जरिए ही इसी मस्लिम हास्टल में उमेश पाल मर्डर केस की स्क्रिप्ट लिखी गई थी। एसटीएफ के जरिए सदाकत की गिरफ्तारी के बाद पूरे हास्टल पर पुलिस की नजर टिक गई। तफ्तीश आगे बढ़ी और हॉस्टल को सील करने का डिसीजन लिया गया। सोमवार को अचानक पुलिस प्रशासन के अधिकारी हॉस्टल पहुंचे। बताया गया कि इस हास्टल में कुल 107 कमरे में हैं। पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक कार्रवाई के वक्त हास्टल के केवल सात कमरे ऐसे थे जिसमें छात्र मौजूद मिले। वह छात्र भी लोकल के थे। शेष 100 कमरे पूरी तरह से खाली थे। सातों रूम से छात्रों को बाहर निकालने के बाद हास्टल को सील कर दिया गया। मुस्लिम हास्टल के वार्डेन द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट पर गौर करें तो हास्टल में कुल 167 वैध छात्र रहते हैं। इन छात्रों का इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में एडमिशन हुआ है और वह बाकायदा हास्टल तक की फीस जमा कर रखे हैं। इस रिपोर्ट में कहा यह भी गया है कि हास्टल के अंदर 28 लोग अवैध रूप से कब्जा करके रहा करते थे। यह सभी खुद को छात्र होने का दावा किया करते थे। जिन कमरों में यह अवैध छात्र रहा करते थे उसमें एक कमरा नंबर 36 भी शामिल था। पुलिस द्वारा हास्टल के इसी 36 नंबर कमरे से उमेश पाल मर्डर केस के साजिशकर्ता की गिरफ्तारी बताई जा रही है। खैर सोमवार को मुस्लिम बोर्डिंग का यह हास्टल पूरी तरह से खाली करा दिया गया है। हास्टल के रूम में ही नहीं गेट तक में ताला लगाकर पुलिस सील कर दी गई।
डर इतना कि कहां किए एडजस्ट बताने से मुकर गए
हास्टल खाली कराए जाने के बाद रह रहे छात्रों के सामने विकट समस्या खड़ी हो गई है। यहां रहकर पढ़ाई के जरिए कॅरियर तलाश करने की कोशिश में जुटे उन छात्रों को अब रूम की तलाश में भटकना पड़ रहा है। फोन पर हुई वार्ता में तीन छात्रों ने बताया कि सात में एक तो शंकरगढ़ इलाके का था जो घर चला गया है। बाकी के छह में तीन छात्र अपने दूर के रिश्तेदारों के घर चले गए हैं गए हैं। जबकि वह तीनों अपने दोस्त के कमरे में रूम मिलने तक एडजस्ट कर रखे हैं। छात्रों में इस कार्रवाई के डर का अंदाजा यहीं से लगाया जा सकता है कि वह किस छात्र के साथ कहां पर हैं यह तक बताने से मुकर गए। उन छात्रों का कहना था कि हास्टल में सभी छात्र अवैध नहीं है। यदि कार्रवाई करनी ही थी तो जिस कमरे में अवैध छात्र रहते थे, उसे खाली कराते या सील करते सारे कमरों को सील करना गलत है। क्योंकि सभी के एनुअल परीक्षाएं सिर पर हैं। पढ़ाई करने का वक्त है, अब पढ़ाई करें कि रूम खोजें। वैसे भी मुस्लिम हास्टल के नाम से रूम नहीं देना चाह रहे।
हास्टल खाली करने के बाद छात्र कहां गए यह जानकारी हमें नहीं है। कुछ छात्रों के नंबर हैं उस पर आप बात कर लीजिए। हास्टल में जितने अवैध छात्र थे उनकी सूची अफसरों दे दी गई थी। हास्टल ही नहीं, हमारी ऑफिस तक को सील कर दिया गया है। हॉस्टल में विदेशी कोई छात्र नहीं रहता। विदेशी छात्रों के लिए इंटरनेशनल हॉस्टल अलग है।
डॉ। इरफान अहमद खान, वार्डेन मुस्लिम बोर्डिंग हास्टल