प्रयागराज (ब्‍यूरो)। एक अच्छा टीचर कैसे बना जा सकता है। देश के भविष्य को बनाने वालों की लर्निंग कैसी होनी चाहिए। आज ज्ञान के क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस यानी एआई का कितना महत्व है। यह हमें कैसे तेज भागती दुनिया में अपडेट कर रहा है। इन तमाम सवालों का जवाब अमृता विश्वविद्यापीठम और दैनिक जागरण आई नेक्स्ट की ओर से आयोजित रीइमेजिनिंग एजूकेशन वर्कशॉप में टीचर्स को एक्सपट्र्स से मिला। मंगलवार को दो दिवसीय वर्कशॉप का समापन हो गया। इसके पहले होटल रामा कांटीनेंटल में आयोजित वर्कशॉप में टीचर्स को तमाम टिप्स दिए गए। एक्सपट्र्स ने बताया कि एआई का यूज करके स्टूडेंट्स को बेहतर एजूकेशन दी जा सकती है।

लाइफ में हर जगह है एआई का यूज
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यानी एआई का इस्तेमाल लाइफ में हर जगह किया जा सकता है। अमृता विश्वविद्यापीठम के एकेडमिक मैनेजर और काउंसलर डॉ। शौर्य कुटप्पा ने कहा कि क्लासरूम में भी एआई का इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे बच्चों को एजूकेशन के साथ लर्निंग में भी सुधार किया जा सकता है। उन्होंने इंट्रेस्टिंग सेशन के दौरान टीचर्स से तमाम सवाल पूछे और फिर उनके सवालों के जवाब भी दिए। उन्होंने इस दौरान चैट जीपीटी के तमाम टूलों पर डिसकसन किया। उन्होंने इसके फायदे भी विस्तार से बताए। उन्होंने कहा कि लोग स्कूलों को दोषी मानते हैं। कहते हैं कि उसे सिखाने की पूरी जिम्मेदारी स्कूल की है, जबकि ऐसा नही है। बच्चा केवल बीस फीसदी स्कूल से सीखता है। 80 फीसदी वह अपने पैरेंट्स सीख लेता है। उन्होंने बताया कि एआई और गूगल के जरिए टीचिंग मैथड को बेहतर बनाया जा रहा है। टीचर्स को इसके तमाम टूल्स की जानकारी आज के सिनेरियों में जरूरी है। उनके सेशन को तमाम टीचर्स काफी ध्यान से सुना।

क्लास रूम में बोलने का दें मौका
सीनियर करियर काउंसलर और ट्रेनर साइमा खान दूसरे दिन कई पहलुओं पर अपना लेक्चर शेयर किया। उन्होंने कहा कि टीचर्स को क्लासरूम में बच्चों को बोलने का मौका देना चाहिए। जिससे उन्हें पता चले कि बच्चे को कुछ समझ में आ रहा है कि नही। टीचर्स को क्लास में बच्चे के मूवमेंट पर भी देना चाहिए। ऐसा नही हो कि टीचर बोलता चला जाए और बच्चे को कुछ समझ न आए। यह एक टीचर के लिए सही नही है। उन्होंने कहा कि कम से कम पैरेंट्स को दो लैंग्वेज का ज्ञान होना चाहिए। आज के बच्चे काफी सेंसेटिव हो गए हैं। उन्हें प्यार से डांटना जरूरी है। टीचर्स को बोलते समय उनका उच्चारण बेहतर होना चाहिए। ताकि बच्चा उनकी बातों को समझ सके। उन्होंने टीचर्स काग्निटिव ओवरलोडिंग पर भी बात की। कहा कि तमाम कारणों की वजह से टीचर्स क्लास में अपनी फुल परफार्मेंस नही दे पाते हैं। कहा कि बच्चों के इंट्रेस्ट पर भी ध्यान दीजिए। अपनी मनमर्जी उस पर मत लादिए। अगर वह आपकी इच्छा के मुताबिक करियर नही बना पा रहा है तो प्लान बी पर काम करिए। जिससे उसका जीवन संवर जाए। उन्होंने सवालों के जवाब देने वाले टीचर्स को गिफ्ट देकर उन्हें एप्रिशिएट भी किया।

इन स्कूलों ने किया पार्टिसिपेट
आर्मी पब्लिक स्कूल
बीबीएस इंटर कॉलेज शिवकुटी
बीबीएस इंटरनेशनल स्कूल गोहरी
डीएवी सरदार पटेल पब्लिक स्कूल
इविंग क्रिश्चियन पब्लिक स्कूल
गुरुकुल मांटेसरी स्कूल
जगत तारन गोल्डन जुबली स्कूल
एलडीसी पब्लिक स्कूल
एमएल कांवेंट स्कूल
एमपीवीएम गंगागुरुकुलम
एमपीवीएम तेलियरगंज
एमवी कांवेंट
महर्षि विद्या मंदिर कालिंदीपुरम
महर्षि विद्या मंदिर नैनी
न्यू आरएसजे पब्लिक स्कूल
न्याय नगर पब्लिक स्कूल
पतंजलि ऋषिकुल
पुलिस माडर्न स्कूल
श्रीमहाप्रभु पब्लिक स्कूल
सेंट कोलंबस स्कूल
टैगोर पब्लिक स्कूल

टीचर्स को प्रमाण देकर किया गया सम्मानित
कार्यक्रम के अंत में तमाम टीचर्स को सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया गया। मंच पर मौजूद सीनियर करियर काउंसलर एंड ट्रेनर साइमा खान, रिटायर्ड कर्नल मो। खान, दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के संपादक श्याम शरण श्रीवास्तव ने टीचर्स को सर्टिफिकेट देकर उनका सम्मान बढ़ाया। बता दें कि दो दिनी वर्कशॉप में शहर के कई स्कूलों से आए टीचर्स ने रीइमेजिनिंग एजूकेशन के बारे में विस्तार से जाना।

समय की मांग है कि टीचिंग पैटर्न में चेंज होना चाहिए। एनईपी लागू हो चुकी है तो उसी प्रकार से हमें सोचना भी होगा। यह वर्कशॉप इसी दिशा में बढ़ाया गया अच्छा कदम है।
राजीव बनर्जी, टीचर
पहले दिन काफी सीखने को मिला। इसी तरह दूसरे दिन भी हमे अधिक नालेज मिलेगी। इस वर्कशॉप से मिले नालेज का यूज हमें अपनी टीचिंग मे करना होगा।
अंजुम बेगम, टीचर
यह वर्कशॉप टीचर्स को अपडेट करने के लिए कराई गई थी। हमें इसका काफी लाभ मिलेगा। एआई टूल्स की जानकारी काफी मददगार साबित होगी।
सुनैना प्रिया दास, टीचर
टीचर्स के मन में जो डाउट थे वह इस वर्कशॉप में दूर हो गए। हमारे सवालों का जवाब काफी रोचक तरीके से दिया गया। साथ ही नालेज में भी बढ़ोतरी हुई।
अंशु राय, टीचर
साइमा मैम ने बताया कि टीचर्स को एक अच्छा लर्नर होना चाहिए। यह काफी अच्छी जानकारी थी। अब हमारे भी सीखने की अधिक क्षमता का विकास होगा।
प्रज्ञात उपाध्याय, टीचर
कुटप्पा सर ने एआई के बारे में काफी कुछ बताया। हमारे सवालों का जवाब भी दिया। उम्मीद है कि इस नालेज का यूज बच्चों को क्लास में बेहतर तरीके से पढ़ाने में किया जाएगा।
तनय शेखर, टीचर
बताया गया कि मोबाइल में लगने वाली चिप का डिजाइन दस साल पहले बन जाता है। यह लंबी प्रासेस है। हमें भी इसी तरह काफी एडवांस तरीके से सोचना होगा।
आरती ओझा, टीचर
अब टीचिंग का तरीका काफी एडवांस हो गया है। टीचर्स को हर फील्ड की नालेज होनी चाहिए। वरना वह क्लास रूम में कब फेल हो जाएंगे यह उनको पता नही चलेगा।
क्रिस वेल्स, टीचर
ब्लूम्स टेक्सोनोमी के बारे में वर्कशॉप में बताया गया। इसका फायदा भी मिलेगा। ट्रेनर्स ने काफी मनोरंजन तरीके से हमारी नालेज को अपडेट किया है।
प्रियंका चौरसिया, टीचर
पता ही नही चला कि वर्कशॉप में कब इतने घंटे बीत गए। सबकुछ इतना नालेजफुल और इंटरटेनमेंट से भरा था कि समय कब गुजरा। बेहतर सेशन थे।
टीना चौरसिया, टीचर
वर्कशॉप से निश्चित तौर पर सभी टीचर्स को फायदा हुआ होगा। उम्मीद है दूसरे दिन इससे अधिक जानकारी मिलेगी। हम सभी इस वर्कशॉप से मिली जानकारी से काफी एक्साइटेड हुए हैं।
ज्ञान प्रकाश दुबे, टीचर
आने वाला समय एआई का ही है। इसलिए इसके बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए। जिससे टीचिंग के फील्ड में इस टूल का बेहतर तरीके से इस्तेमाल किया जा सके।
सीपी सिंह, टीचर