लोहिया गांवों को सोलर लाइट लगाने के नाम पर सवा तीन करोड़ से अधिक का गोलमाल

भौतिक सत्यापन में खुली कार्यदायी एजेंसी नेडा की पोल, दिसंबर तक कार्य पूरा करने का अल्टीमेटम

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ALLAHABAD: प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत लोहिया गांवों को सोलर लाइट से रौशन करने के नाम पर करोड़ों का गोलमाल सामने आया है। सोलर लाइट के लिए रिलीज बजट की अस्सी फीसदी धनराशि की बंदरबांट करते हुए फाइलों में दर्शा दिया गया कि लाइट्स लगाने का काम पूरा हो गया। जिला प्रशासन ने कार्य का भौतिक सत्यापन किया तो कलई खुल गयी। पता चला कि गांवों में सिर्फ बीस फीसदी सोलर लाइटें की लगायी गयी हैं। इससे अधिकांश गांवों में अब भी अंधेरा पसरा हुआ है। इस गोरखधंधे के उजागर होने के बाद सख्त प्रशासन ने कार्यदायी एजेंसी नेडा को अल्टीमेटम जारी कर कहा है कि दिसंबर तक शतप्रतिशत सोलर लाइट लगाने का लक्ष्य न पूरा हुआ तो कड़ा एक्शन लिया जाएगा।

बीस फीसदी भी नहीं हुआ काम

वित्तीय वर्ष 2015-16 में जिले के लोहिया गांवों में बने आवासों पर कुल 4853 सोलर लाइटें लगनी थीं। साल बीत गया लेकिन कार्यदायी एजेंसी न्यू एंड रेन्वेबल एनर्जी डेवलपमेंट अथारिटी उप्र (नेडा) की ओर से महज 737 लाइटें ही लगाई जा सकी। जो कि कुल लक्ष्य का बीस फीसदी भी नहीं था। सबसे अहम यह कि फाइलों पर यह काम लगभग पूरा हो चुका था। शिकायतों पर जब प्रशासन ने जांच कराई तो हकीकत सामने आ गई। ऐसे में नेडा को अल्टीमेटम जारी कर बची हुई 4116 लाइटें दिसंबर तक लगाने को कहा गया है।

एक लाइट की कीमत आठ हजार

बता दें कि प्रत्येक सोलर लाइट की कीमत आठ हजार रुपए निर्धारित है। इस तरह से तीन करोड़ 29 लाख रुपए की लाइटें फाइलों पर लगा दी गई थी। जानकारी के मुताबिक इन लाइटों में लगा सोलर पैनल दिन के उजाले में सूर्य की रोशनी से चार्ज होता है और अंधेरा होने पर तेज रोशनी देता है। इससे विद्युत आपूर्ति बाधित होने पर भी लोहिया गांवों में चारों ओर उजाला फैला होता है। प्रदेश की सपा सरकार की ओर से वर्ष 2012 से अब तक प्रत्येक वर्ष लोहिया गांवों में सोलर लाइट लगाए जाने का लक्ष्य जारी किया जाता है, जिसे पूरा करने में एजेंसी द्वारा लगातार लापरवाही बरती जा रही है।

पिछले दो सालों का लक्ष्य भी अधूरा

इसी तरह वित्तीय वर्ष 2012-13 और 2013-14 का लक्ष्य भी अधूरा है। इन दो सालों में कुल 5128 सोलर लाइटें लगाई जानी थीं, जिनमें से 4890 ही लगाई जा सकी हैं। 238 सोलर लाइटें अभी लगना बाकी हैं। इन्हें भी जल्द से जल्द लगाए जाने के निर्देश प्रशासन ने दिया है। कुल मिलाकर पिछले तीन सालों में तीन करोड़ 48 लाख रुपए का काम अधूरा है। जिसके चलते सरकारी पैसा रिलीज होने के बावजूद लोहिया गांवों में अंधेरा पसरा हुआ है, लाभार्थी इस सुविधा से वंचित हैं।

लोहिया गांवों में नेडा को सोलर लाइट लगाने का काम दिया गया था। इन्होंने फाइलों में बताया कि काम पूरा हो चुका है लेकिन जब भौतिक सत्यापन किया गया तो हजारों लाइटें मौके से नदारद मिली। एजेंसी को अल्टीमेटम देते हुए दिसंबर तक का समय दिया गया है। इसके बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

आंद्रा वामसी, सीडीओ, इलाहाबाद

फैक्ट फाइल

4853 सोलर लाइटें लगाने का था लक्ष्य

737 सोलर लाइटें ही लगाई गयीं

3.29 करोड़ की लाइटें फाइलों में लगीं