प्रयागराज (ब्यूरो)। आइट्रिपल सी परिसर में सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा रविवार को महाकुंभ के प्रतीक चिन्ह का अनावरण किया गया। यह प्रतीक चिन्ह कितना आकर्षक व थॉट फुल है, यह जानने के लिए पूरी खबर विस्तार से पढि़ए। प्रतीक चिन्ह पर समुद्र मंथन में निकले (ऊँ) लिखे अमृत कलश कलश को दिखाया गया है। साथ ही संगम एरिया और बड़े हनुमान जी व उनकी मंदिर का भी चित्र लगाया गया है। इतना ही नहीं, अक्षयवट के साथ संगम में स्नान के बाद दो संतों और प्रणाम करते हुए दिखाई दे रहे हैं। वहीं बगल में लोगों पर एक संत को शंख बजाते हुए दिखाया गया है। जारी किए गए इस प्रतीक चिन्ह पर महाकुंभ के उद्देश्य वाक्य 'सर्वसिद्धिप्रद: कुम्भ:Ó लिखा गया है।
कुंभ-2019 के लोगो से है थोड़ा भिन्न
बताते चलें कि कुंभ-2019 के लिए जारी किए गए 'लोगोÓ से महाकुंभ के प्रतीक चिन्ह की डिजाइन अलग है। कुंभ के लोगो में संगम, (ऊँ) लिखे अमृत कलश, तीन संतों में एक को बजाते हुए दिखाया गया था। जबकि महाकुंभ के लिए जारी किए गए प्रतीक चिन्ह में कुछ अन्य चीजों को भी एड किया गया है। एक्सपर्ट बताते हैं कि यूनेस्को की 'मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासतÓ की सूची में शामिल कुंभ मेला तीर्थयात्रियों की दुनिया की सबसे बड़े शांतिपूर्ण आयोजन माना जाता है। महाकुंभ में देशभर से सभी संप्रदायों के साधु-संत बड़ी संख्या में शामिल होते हैं। इस बात को भी प्रतीक चिन्ह में दर्शाने की कोशिश की गई है। इसके अलावा महाकुंभ के लोगो में संगम क्षेत्र से सटे सभी धर्मिक स्थानों व सनातन परंपरा से संबंधित सभी परंपराएं शामिल की गई हैं। प्रतीक चिन्ह के अमृत कलश के मुख को भगवान विष्णु, गर्दन को रूद्र, आधार को ब्रह्मा, बीच के भाग को समस्त देवियों और अंदर के जल को संपूर्ण सागर का प्रतीक माना गया है। इसके साथ सम्पूर्ण संगम की जीवंत सैटेलाइट से खीची गई तस्वीर भी महाकुंभ के लोगो पर दिखाई दे रही है। अब यह प्रतीक चिन्ह पूरी दुनिया में महाकुंभ की पहचान के रूप में जाना और पहचाना जाएगा। इस लोगो पर दी गई एक-एक तस्वीर विश्व भर में सनातन धर्म व भारतीय संत परंपरा का संदेश देगी।