साल्वर गैंग चलाता था टीचर, सक्रिय मेंबर निकली बैंक रिसेप्सनिस्ट युवती
हण्डिया पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज सेंटर पर दे रही थी दूसरे की जगह बीएड परीक्षा
PRAYAGRAJ: रुपयों की लालच में एक टीचर और बैंक रिसेप्सनिस्ट की जिंदगी बर्बाद करके रख दी। दौलत की भूख इतनी बढ़ी कि दोनों गुनाह के रास्ते पर चल पड़े। ईमानदारी और नेक चल की सीख देने वाला टीचर साल्वर गैंग का सरगना बन बैठा। उसकी गैंग में रिसेप्सनिस्ट भी शामिल हो गई। दोनों प्रतियोगी परीक्षाओं में अभ्यर्थियों का पास कराने का ठेका लेना शुरू कर दिए। दोनों शुक्रवार को हण्डिया पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज से एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किए गए। इस कॉलेज में बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा 2021- 2023 चल रही थी। एक अभ्यर्थी की जगह बैंक रिसेप्सनिस्ट (प्राक्सी कंडीडेट) के रूप में परीक्षा दे रही थी। दबोचा गया सरगना खुद को हिन्दी और संस्कृत का टीचर बताया। वह परीक्षा के दौरान सेंटर के बाहर खड़ा मिला। दोनों के पास परीक्षा से सम्बंधित कई प्रमाण व आईडी बरामद हुई है। अभ्यर्थी को पांच से छह लाख रुपये में पास करवाने का ठेका लिया करते थे।
एसटीएफ ने किया गिरफ्तार
स्पेशल टास्क फोर्स के हत्थे चढ़ा बालेन्द्र सिंह पटेल इस गैंग का सरगना बताया गया। वह शंकरगढ़ एरिया के कुबरी तेंदुआ गांव निवासी रामजतन पटेल का बेटा है। टीम के मुताबिक बालेंद्र शंकरगढ़ एरिया स्थित टीकरही कला प्राथमिक स्कूल में टीचर है। साथ ही एलआईसी में एजेंट का भी काम करता है। जबकि प्रॉक्सी कंडीडेट दीक्षा उर्फ नेहा उसके गैंग की एक्टिव मेंबर बताई गई। दीक्षा फतेहपुर जिले के सालेपुर सठिगवां थाना चांदपुर निवासी अशोक कुमार की बेटी है।
एसटीएफ के मुताबिक दीक्षा मौजूदा समय में एंबियस मॉल सेक्टर 10 लोनी गाजियाबाद स्थित एचडीएफसी बैंक में रिसेप्सनिस्ट का काम करती है। शुक्रवार को पुलिस उपाधीक्षक एसटीएफ प्रयागराज को सेंटर पर साल्वर बैठाए जाने की भनक मिली थी। सूचना पर उन्होंने टीम के उप निरीक्षक अनिल कुमार सिंह, धर्मेन्द्र सिंह, मुख्य आरक्षी दिलीप कुमार त्रिपाठी, प्रभंजन पांडेय, आरक्षी अजय यादव आदि को इस सेंटर पर एक्टिव कर दिया।
इस तरह पकड़ा गया साल्वर गैंग
एसटीएम के जवान पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज हंडिया में परीक्षा शुरू होने के कुछ देर बाद चेकिंग शुरू कर दी।
इस बीच ऊषा देवी पुत्री शिव कुमार निवासी पचेदा थाना कोरांव के स्थान पर दीक्षा उर्फ नेहा परीक्षा देते हुए पकड़ी गई।
यह बात सामने आते ही सेंटर पर हड़कंप मच गया। पूछताछ में दीक्षा ने एसटीएफ अफसरों को साल्वर गैंग से जुड़ी कई जानकारियां दी।
वह बताई कि गैंग का सरगना बालेंद्र सिंह पटेल है जो परीक्षा केंद्र के बाहर है। इस पर टीम द्वारा सरगना बालेंद्र को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
सरगना प्रत्येक परीक्षा में प्रश्न पत्रों को साल्व करने के लिए दीक्षा को 50 हजार रुपये दिया करता था।
अभ्यर्थी के परीक्षा पास हो जाने पर दो से तीन लाख रुपये की रकम उसे दी जाती थी। दीक्षा इससे पहले चार पांच बार टेट, सुपर टेट, सीटेट, बीएड की परीक्षाओं में सफलता पूर्व दूसरे की जगह परीक्षा दे चुकी है।
सरगना बालेंद्र अभ्यर्थियों से छह से दस लाख रुपये में पास करवाने का ठेका लिया जाता था। एक अदद ओएमआर शीट, एक बुकलेट प्रश्न पत्र
साथ ही एक प्रवेश पत्र, एक आधार कार्ड अभ्यर्थिनी का, एक आधार कार्ड साल्वर दीक्षा का, एक पैन कार्ड, एक ड्राइविंग लाइसेंस दो मोबाइल फोन व 22000 हजार रुपये नकद भी बरामद हुए हैं।
गिरफ्तारी दोनों अभियुक्त शातिर किस्म के हैं। युवती दूसरों की जगह परीक्षा देने में माहिर है। जबकि पकड़ा गया सरगना अभ्यर्थियों से सेटिंग करने में माहिर है। इस गैंग में और लोग हैं। पूछताछ में बताया गया कि कुछ सदस्य पहले ही जेल भेजा जा चुका हैं।
नावेन्दु कुमार
पुलिस उपाधीक्षक एसटीएफ फील्ड इकाई प्रयागराज