5 साल 9 महीने की उम्र में इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में दर्ज कराया नाम
आनलाइन प्रतियोगिता के दौरान 153 सेकंड में बताये 208 लैंडमार्क व स्मारकों के नाम
इनका परिचय को इंडिया लेवल की आइडेंटिटी आलरेडी दे चुकी है। फिर भी करा ही देते हैं। इनका नाम है अंद्रिता। उम्र है कुल पांच साल और नौ महीना। इनका नाम इंडिया बुक आफ रिकार्ड में दर्ज हो चुका है। इनका दिमाग घड़ी की सूई से भी तेज चलता है। यह इस नन्हीं-मुन्नी ने राष्ट्रीय स्तर पर साबित किया है। ऑनलाइन हुई प्रतियोगिता के दौरान 153 सेकंड में इस महारथी ने 208 लैंडमार्क व स्मारकों को सिर्फ पहचाना ही नहीं, बल्कि उनका नाम भी बताया।
पैरेंट्स करते हैं मोटीवेट
प्रयागराज जिले के हनुमानगंज बाजार से कुछ दूर आगे चलने पर एक गांव आता है। इस गांव का नाम सुदनीपुर है। अंद्रिता इसी गांव की रहने वाली है। उसके पिता ललित बीएचईएल में डिप्टी मैनेजर की पोस्ट पर हैं। मां कल्पना हाउस वाइफ है। यह परिवार ऐसे समाज से आता है जहां बिरले ही सफलता हासिल करते हैं। सफलता के दम पर यह परिवार मिशाल बन गया है। अंद्रिता के पिता ललित बताते हैं कि वह जॉब के साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी भी कर रहे हैं। इसके चलते प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित किताबें उनके आस रहती हैं। वह बताते हैं कि ऑफिस से लौटने के बाद वह पढ़ाई के लिए अनिवार्य रूप से समय निकाला करते थे। इस वक्त बिटिया भी आसपास ही होती थी। बात करो तो ठीक नहीं तो किताबों के पन्ने पलटने लगती थी। किताब के पन्नो पर बने चित्रों को कौतूहलवश देखती और उसका नाम पूछती थी। बच्ची का मन बहलाने के लिए अक्सर वह बेटी की क्वैरीज का जवाब भी देते थे। लैंड मार्क और मान्यूमेंट्स की डिटेल हाथ से लिखकर दे दिया करते थे। हिंदी में लिखे गये शब्दों को अंद्रिता पढ़ती और याद करती थी। पूरे दिन घर में वह उनके नाम दोहराती रहती थी।
नोटिस लिया तो करने लगे मदद
दिन में उसके तमाम मान्यूमेंट्स के नाम दोहराने से सबका ध्यान उसकी ओर गया। उसकी रीकॉल करने की क्षमता को परखने के बाद लगा कि इसके साथ मेहनत की जाय तो कामयाबी बड़ी हाथ लग सकती है। अंद्रिता की आदत को देखते हुए उन्होंने उसको नाम याद करने और चित्रों को पहचाने की प्रैक्टिस कराना शुरू कर दिया। आफिस लौटने के बाद अक्सर वह इस कवायद में लगे रहते थे। हालांकि छोटी उम्र होने के कारण उन्होंने कोई शेड्यूल नहीं बनाया था। ऑनलाइन क्लासेस के चक्कर में अंद्रिता भी घर पर रहती थी और कागज में लिखे नामों को याद करती थी। इस समय वह देश के सभी स्टेट की राजधानी के साथ ही वर्ल्ड के मैप में कई देशों के नाम याद कर रही है। उन्होंने बताया कि नाना राधेश्याम भारती हास्य कवि है व एक अन्य नाना घनश्याम रिटायर्ड पीसीएस आफिसर है। दादा लाल जी रिटायर्ड रेंजर आफिसर हैं।