प्रयागराज (ब्यूरो)। नैनी सेंट्रल जेल में सश्रम आजीवन कारावास की सजा काट रहे अधिवक्ता खान सौलत हनीफ तलब किए जाने से सहम सा गया है। उसकी ओर से कोर्ट में बुधवार को एक अर्जी दी गई है। जिसमें कहा गया है कि उसे पुलिस अभिरक्षा में दिए जाने से पूर्व उसके अधिवक्ता की आपत्ति व तर्क को सुना जाय। अर्जी में उसने कहा है कि पुलिस के द्वारा उसे गलत तरीके से आरोपित बनाया गया है। केस में वह नामजद नहीं है। उसकी अर्जी पर गौर करते हुए स्पेशल सीजेएम डॉ। लकी ने 27 अप्रैल को पुलिस से आख्या तलब की है। बताया गया कि उमेश पाल मर्डर केस में पूछताछ के लिए विवेचक के जरिए खान सौलत हनीफ को कस्टडी रिमांड पर लिए जाने की अर्जी दी गई है। इसी अर्जी पर उसे गुरुवार को कोर्ट में तलब किया गया है।
गुरुवार को कोर्ट ने किया था तलब
प्रीतम नगर निवासी खान सौलत हनीफ माफिया अतीक अहमद के अधिवक्ता थे। वर्ष 2005 में हुए राजू मर्डर केस के गवाह उमेश पाल के 2006 में हुए अपहरण में उनका भी नाम सामने आया था। खुद के अपहरण का यह केस उमेश पाल के जरिए वर्ष 2007 में धूमनगंज थाने पर दर्ज कराया गया था। दर्ज किए गए इस केस में अतीक अहमद व अशरफ सहित कुल 11 लोग नामजद किए थे। अपहरण के इस केस में 17 साल बाद 28 मार्च को कोर्ट के जरिए फैसला सुनाया गया। अदालत ने अतीक अहमद व दिनेश पासी एवं अधिवक्ता खान सौलत हनीफ को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। अतीक के भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ सहित सात लोग उमेश पाल अपहरण कांड में दोष मुक्त करार दिए गए थे। अदालत के द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद उस वक्त अतीक अहमद को साबरमती जेल में पुलिस दाखिल कर आई थी।
नैनी जेल में बंद है
सजा सुनाये जाने के बाद अतीक के अधिवक्ता रहे सजायाफ्ता मुल्जिम खान सौलत हनीम व दिनेश पासी को नैनी जेल में दाखिल किया गया है। तब से यह दोनों नैनी सेंट्रल जेल में सजा के दिन बिता रहे हैं। केस से जुड़े अधिवक्ता बताते हैं कि सजायाफ्ता बंदी खाल सौलत हनीफ की ओर से कोर्ट में एक अर्जी दी गई है। अर्जी में कहा गया है कि उसे न्यायिक या पुलिस अभिरक्षा में देने से पूर्व उसकी आपत्ति व तर्कों को सुना जाय। उसने कहा है कि विवेचना के दौरान गलत तरीके से उसे आरोपित करने का कुचक्र रचा जा रहा है। यह भी लिखा है कि उसके जरिए यह शीर्ष अफसरों व गृह सचिव तक को भी अर्जी दी गई है। आपत्ति प्रस्तुत करने के लिए व तर्क रखने के लिए उसकी ओर से समय मांगा गया है। अर्जी को संज्ञान के लेते हुए स्पेशल सीजेएम ने 27 अप्रैल को थाने से आख्या मांगी है। इस पर इसी दिन सुनवाई भी होगी।
फिर खेलने लगी धूमनगंज पुलिस
अतीक के दोनो नाबालिग बच्चों के बाद पुलिस ने अब अतीक की बहन के मामले में खेलना शुरू कर दिया है। अतीक की बहन आयशा नूरी ने सीजेएम कोर्ट में अर्जी देकर सरेंडर करने की इच्छा जताई थी। उसकी तरफ से यह अर्जी पति एकलाख की गिरफ्तारी के बाद ही दाखिल कर दी गयी थी। तब अतीक और अशरफ दोनो जिंदा था। इस अर्जी के आधार पर कोर्ट ने धूमनगंज पुलिस से रिपोर्ट मांगी थी कि क्या वह किसी केस में वांटेड है। इस पर पुलिस की ओर से स्पष्ट रिपोर्ट दाखिल की नहीं की गयी है। बुधवार को एक बार फिर इस केस में सुनवाई की डेट लगी थी। धूमनगंज थाने से रिपोर्ट न आने के चलते कोर्ट ने अब शुक्रवार 28 अप्रैल की डेट लगाई है। बता दें कि इससे पहले अतीक के बच्चों एहजम और आबान के मामले में भी धूमनगंज पुलिस की तरफ से ऐसा ही किया गया। कई डेट पर सीधे रिपोर्ट नहीं भेजी गई तो कोर्ट ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया था।
सजायाफ्ता बंदी खान सौलत हनीफ हनीफ को कोर्ट में गुरुवार को तलब किया है। उसकी ओर से दी गई अर्जी में आग्रह किया गया है कि पुलिस अभिरक्षा में दिए जाने से पूर्व उसकी आपत्ति और तर्क को सुना जाय। आयशा नूरी की सरेंडर अर्जी मामले में भी कोर्ट ने डेट बढ़ा दी है।
गुलाबंचद्र अग्रहरि जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी