प्रयागराज (ब्यूरो)। 2015 सितंबर में कैबिनेट की बैठक में पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने प्रयागराज में मेट्रो रेल चलाए जाने के प्रस्ताव को मंजूर किया था। इसके बाद इस प्रोजेक्ट की डीपीआर रिपोर्ट तैयार होने में कई साल लग गए। पिछले साल 2021 में राज्य सरकार ने प्रोजेक्ट में बदलाव कर दिया। शहर में इतना क्राउड नहीं है, इसको आधार बनाकर मेट्रो प्रोजेक्ट को लाइट मेट्रो में बदल दिया गया। फिर इसके डीपीआर को तैयार कराने की जिम्मेदारी राइट्स कंपनी को दी गई जो अभी तक इसे परूा नही कर सकती है।
इस रूट के चालू होने का इंतजार
2025 कुंभ से पहले लाइट मेट्रो रेल के दो में से एक रूट तैयार करने की बात सामने आई थी।
कहा गया था कि बमरौली से झूंसी रूट के बाद अधिक रश रहता है इसलिए कुंभ से पहले इस चालू कर दिया जाएगा।
लेकिन जिस गति से प्रोजेक्ट चल रहा है, उससे नही लगता कि कुंभ से पहले लाइट मेट्रो पटरी पर आ सकेगी।
बता दें कि लाइट मेट्रो का प्रोजेक्ट 5500 करोड़ में पूरा होगा और दो रूट पर इसका संचालन किया जाना है।
जिसमें से फाफामऊ से नैनी का रूट 21 किमी और बमरौली से झूंसी का रूट 23 किमी लंबा होगा।
44 किमी के दोनों रूट पर कुल 23 स्टेशन बनाए जाने का प्रस्ताव है।
दो स्टेशनों के बीच की दूरी दो किमी तक होगी। परेड मैदान पर मुख्य स्टेशन बनाया जाना है।
लाइट मेट्रो में कुल तीन कोच लगाए जाएंगे।
कम हो जाएगा प्रशासन का सिरदर्द
अगर कुंभ से पहले एक रूट चालू हो गया तो जिला प्रशासन को काफी राहत मिलेगी। क्योंकि शहर आने वाला पूरे रश का फ्लो झूंसी की ओर रहता है। अधिकतर मेला भी झूंसी में ही बसाया जाता है। ऐसे में बस, आटो और ई रिक्शा पर यात्रियों का लोड कम होगा और सड़कें जाम का शिकार नही होंगी। यात्री शहर से सीधे मेले में पहुंच सकेंगे।
डीपीआर की रिपोर्ट राइट्स कंपनी से मांगी गई है। एक अन्य सर्वे के लिए ओएमटीसी कंपनी अगले सप्ताह अपनी रिपोर्ट देगी। सभी रिपोर्ट आने के बाद अप्रूवल के लिए शासन के पास भेजा जाएगा। कोशिश है कि कुंभ से पहले मेट्रो का संचालन शुरू कराया जाए।
अरविंद चौहान वीसी पीडीए प्रयागराज