। प्रयागराज (ब्यूरो)। दरअसल संगम क्षेत्र करीब दो हजार परिवारों का पेट पालता है। तीर्थ पुरोहित हो या फिर पटरी दुकानदार। इनकी कमाई संगम क्षेत्र से ही है। गंगा-यमुना का जलस्तर बढऩे के बाद सभी ने संगम क्षेत्र छोड़ दिया था। हालांकि परेड या अन्य स्थानों पर वह तख्त या दुकान लगाये थे, लेकिन बढ़े पानी में स्नान आदि पर रोक लगने वह काफी परेशान हो गये थे। जैसे-जैसे जलस्तर घटता गया, वैसे-वैसे उनकी चेहरे पर खुशी दिखाई देने लगी। अब संगम क्षेत्र में काफी दूर तक पानी हट गया है। जिससे तीर्थपुरोहितों और पटरी दुकानदारों की जिंदगी एक बार फिर लौटने लगी है। सोमवार को दुकानदार अपना ठेला लेकर अपने पूर्व स्थान पर जाते दिखाई दिये। दुकानदारों का कहना है कि संगम ही उनका और उनके परिवार का पेट पालता है। मां गंगा मइया की इतनी कृपा रहती है कि व्यापार ठीकठाक चलता है, लेकिन पानी आने के बाद आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ जाता है। अब पानी हट गया है, ऐसे में उनकी स्थिति भी सुधर जाएगी।